क्रिकेट

वृद्धिमान साहा ने कहा, विकेटकीपिंग नहीं है आसान काम, इसका श्रेय भी नहीं मिलता

यह खिलाड़ी चोट के कारण लंबे समय तक मैदान से बाहर था। करीब 20 महीने बाद टेस्ट टीम में वापसी की है।

नई दिल्लीOct 18, 2019 / 08:49 pm

Mazkoor

रांची : भारत के टेस्ट टीम में विकेटकीपिंग की पोजिशन को लेकर अनुभवी विकेटकीपर वृद्धिमान साहा और प्रतिभाशाली युवा ऋषभ पंत के बीच इस समय जबरदस्त प्रतिस्पर्धा चल रही है। इसके बावजूद इन दोनों के रिश्ते काफी अच्छे हैं और दोनों एक-दूसरे की मदद करते रहते हैं। इस बात का खुलासा खुद साहा ने किया। इसके अलावा उन्होंने कहा कि उनकी टीम शनिवार से शुरू हो रही तीसरे टेस्ट में भी दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ जीत हासिल कर क्लीन स्वीप का प्रयास करेगी।

20 महीने बाद की है टीम में वापसी

बता दें कि वृद्धिमान साहा चोट के कारण लंबे समय तक मैदान से बाहर थे। इसके बाद उन्हें विंडीज दौरे पर टीम में जगह मिली थी, लेकिन वह अंतिम एकादश में जगह बनाने में नाकाम रहे थे। करीब 20 महीने बाद उन्हें दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ विशाखापत्तनम में हुए पहले टेस्ट में टीम में शामिल किया था। इसके बाद वहां और पुणे में बेहतरीन विकेटकीपिंग का मुजाहिरा कर उन्होंने सुर्खियां बटोरी हैं।

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कहा- वह और ऋषभ करते रहते हैं एक-दूसरे की मदद

तीसरे टेस्ट मैच की पूर्व संध्या पर साहा ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वह और ऋषभ आपस में आम बातचीत करते हैं, जिस तरह से विकेटकीपर आपस में करते हैं। इसे आप मेंटरिंग जैसा कुछ नहीं कह सकते। उन्होंने कहा कि फील्डिंग कोच श्रीधर, वह और पंत तीनों मिलकर आपस में बात करते हैं कि किस तरह की विकेट पर कैसे विकेटकीपिंग करनी हैं। इसके अलावा वह और पंत साथ बैठकर दूसरों की विकटकीपिंग भी देखते हैं। अभ्यास सत्र में हम अच्छा काम करते हैं और हमारी आपसी समझ अच्छी है। एक-दूसरे की गलतियां बताते और उसमें सुधार करते चलते हैं। उन्होंने कहा कि अभी तक हमारे बीच सब कुछ अच्छा चल रहा है।

बल्लेबाजी पर भी दे रहे हैं ध्यान

वृद्धिमान साहा की विकेटकीपिंग उत्कृष्ट है, इसमें संदेह नहीं। वह बल्लेबाजी भी ठीक-ठाक कर लेते हैं। इसके बावजूद वह अपनी बल्लेबाजी स्किल और बढ़ाने पर ध्यान दे रहे हैं। बता दें कि कुछ दिन पहले ही बीसीसीआई के भावी अध्यक्ष सौरभ गांगुली ने कहा था कि साहा को अपनी बल्लेबाजी पर काम करने की जरूरत है। साहा ने कहा कि वह अपनी बल्लेबाजी पर ध्यान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो भी टीम में खेलता है वह अपना शत-प्रतिशत योगदान देना चाहता है। वही नहीं, हर कोई यही करता है। कई बार यह चीजें काम करती हैं और कई बार नहीं करती। उन्होंने कहा कि एक विकेटकीपर के तौर पर उन्हें मध्य में बल्लेबाजी का मौका मिलता है। यहां आकर वह साझेदारी बनाने और अर्धशतक लगाने की कोशिश करते हैं।

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रांची में पिछले मैच में लगाया था शतक

साहा ने कहा कि जब इस मैदान पर वह पिछला मैच ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलने उतरे थे, तब उन्होंने शतक लगाया था। हालांकि वह मैच ड्रॉ रहा था। इस बार वह चाहते हैं कि टीम इंडिया यहां जीते। उन्होंने कहा कि इस मैदान से उनकी बेहतरीन यादें जुड़ी है। यहां पिछले मैच में उन्होंने 117 रन बनाए थे। उन्हें पता है कि किस तरह पारी बनाई थी।

मुश्किल काम है विकेटकीपिंग

साहा ने विकेटकीपिंग के बारे में कहा कि यह हर जगह मुश्किल है और ऐसा काम है, जिसके लिए कोई श्रेय नहीं मिलता। लोगों को लगता है कि विकेटकीपर को हर गेंद पकड़नी चाहिए, क्योंकि उसने दास्ताने पहन रखे हैं। उन्होंने कहा कि यह इतना भी आसान काम नहीं है, खासकर ऐसी पिच पर, जहां असीमित उछाल हो। उन्होंने कहा कि वह विकेट के हिसाब से तैयारी करते हैं।

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