यमुनानगर में शनिवार-रविवार की देर रात करीब दो बजे 14 साल की मासूम को अगवा कर गांव के ही धार्मिक स्थल में उसके साथ गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया गया है। बताया जा रहा है कि दुष्कर्म के बाद बच्ची की हत्या की नियत से उसका सिर दीवार से मारा गया जिससे वो गंभीर चोट आई है। पुलिस ने लड़की मां की शिकायत पर पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और अन्य की तलाश में छापेमारी कर रही है।
पुलिस को दी गई जानकारी के मुताबिक बच्ची के माता-पिता किसी काम से बाहर गए थे। घर में 14 साल की बेटी अपने भाई-बहनों के साथ सो रही थी। उसी समय गांव के चार युवक उसके घर में घुस आए। चारों लोग बच्ची को उठाकर धर्मशाला स्थित एक धार्मिक स्थल ले गए। यहां उसके मुंह में कपड़े ठूंसने के बाद सभी ने उसके साथ दुष्कर्म किया। पकड़े जाने के डर आरोपियों के बच्ची की सिर दीवार से कई बार टकराया, जिससे वो जख्मी होकर बेहोश हो गई और बदमाश फरार हो गए। होश आने के बाद बच्ची किसी तरह अपने घर पहुंची और माता-पिता के लौटने पर उन्हें सारी बात बताई।
रविवार को ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 12 साल से कम आयु के बच्चों के साथ दुष्कर्म करने के दोषियों को मृत्युदंड के प्रावधान वाले अध्यादेश को मंजूरी दे दी। राष्ट्रपति ने आपराधिक कानून (संशोधन) अध्यादेश, 2018 को लागू कर दिया, जिसे कैबिनेट ने शनिवार को मंजूरी दी थी। इसमें दुष्कर्म के खिलाफ सख्त सजा और महिलाओं, खास तौर से युवतियों के बीच सुरक्षा की भावना जगाने की कोशिश की गई है। यह अध्यादेश जम्मू एवं कश्मीर के कठुआ में आठ साल की बच्ची से दुष्कर्म व हत्या व देश के अन्य भागों में इसी तरह के अपराध को लेकर नाराजगी के बाद आया है।
इसके तहत जांच के लिए दो महीने की समय सीमा, सुनवाई पूरी करने के लिए दो महीने का समय और अपीलों के निपटारे के लिए छह महीने सहित जांच में तेजी व दुष्कर्म की सुनवाई के लिए कई उपाय किए गए हैं। इसमें 16 साल से कम उम्र की लड़की से दुष्कर्म या सामूहिक दुष्कर्म के आरोपी के लिए अग्रिम जमानत का कोई प्रावधान नहीं होगा। इसका उद्देश्य देश भर में यौन अपराधियों के डेटाबेट बनाए रखने के अलावा हर राज्य में विशेष फोरेंसिक प्रयोगशालाओं व त्वरित अदालतों की स्थापना सहित जांच व अभियोजन को भी मजबूत करना है।