श्रीनगर। संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु को लेकर जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर तनाव बढ़ गया है। अलगाववादी नेताओं ने अफजल गुरु की अस्थियों की मांग करते हुए बंद का ऐलान किया है। साथ ही अलगाववादियों ने 11 फरवरी को मकबूल भट को फांसी पर लटकाए जाने के विरोध में भी बंद का ऐलान किया है। किसी भी अप्रिय घटना की आशंका को देखते हुए इलाके में बड़ी संख्या में सुरक्षाबल तैनात कर दिया गया हैं।
गौरतलब है कि अफजल गुरु को 9 फरवरी 2013 को संसद पर हमले के लिए फांसी की सजा दे दी गई थी। फांसी दिए जाने के बाद से ही कश्मीर घाटी में उसकी अस्थियों को लेकर प्रदर्शन हो रहे हैं। अलगाववादी नेताओं के कश्मीर बंद ऐलान को देखते हुए बड़ी संख्या में सुरक्षाबल तैनात किए गए हैं।
जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के संस्थापक मकबूल भट को फांसी दिए जाने के विरोध में भी कश्मीर में विरोध जारी है। भट को कश्मीर घाटी में एक भारतीय खुफिया अधिकारी की हत्या का दोषी पाया गया था। सूत्रों के मुताबिक, 9, 10 और 11 फरवरी को कश्मीर घाटी के कई इलाकों में कर्फ्यू जैसे प्रतिबंध लगाए गए हैं। सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस ने कुछ अलगाववादी नेताओं को हिरासत में भी लिया है।
सीआरपीएफ के आईजी अतुल कारवाल मे कहा कि जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ मिलकर हालात पर नियंत्रण पाने की कोशिश है। किसी भी तरह से उपद्रव न होने देने का प्रयास किया जा रहा है। बता दें कि इन दोनों को फांसी दिए जाने के बाद उनके अवशेषों को जेल के अंदर ही दफना दिया गया था।
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