कंप्यूटर से खुला चौंकाने वाला राज असीम अरुण ने कहा कि वह फेसबुक पर फेक आईडी द्वारा पाकिस्तान की आईडी से चैटिंग करता था। लड़कियों की फेक आईडी से संपर्क किया गया है। इस मामले में कई और लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है। यही नहीं निशांत के घर पर भी यूपीएटीएस ने छापेमारी की है। एटीएस फिलहाल निशांत अग्रवाल से पूछताछ कर रही है। साथ ही आरोपी के बारे में और जानकारियों जुटाने में लगी है। यह भी पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि इससे पहले उसने कौन-कौन सी सूचनाएं दुश्मन देश पाकिस्तान और अमेरिका तक पहुंचाई है। निशांत का कंप्यूटर भी जब्त कर लिया गया है। कयास लगाया जा रहा है कि इसके जरिए कई और चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं।
यंग साइंटिस्ट अवॉर्ड से किया गया था सम्मानित निशांत अग्रवाल डीआरडीओ में साइंटिस्ट है। वर्तमान में वह ब्रह्मोस की नागपुर यूनिट में काम कर रहा था। उसे 2017-18 यंग साइंडिस्ट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। लेकिन, उस पर आरोप है कि वह ब्रह्मोस संबंधी तकनीकी और अन्य खुफिया जानकारियां पाकिस्तान और अमेरिका को पहुंचा रहा था। निशांत को ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत पकड़ा गया है। निशांत पर ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। बताया जा रहा है कि निशांत नागपुर में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन में चार साल से काम कर रहा था। आरोपी के पास भारत की अति महत्वपूर्ण ‘ब्रह्मोस’ मिसाइल से जुड़ी सीक्रेट जानकारियों की पहुंच थी।
पूछताछ कर रही है जांच एजेंसी फिलहाल, जांच एजेंसी इस पूरे मामले की पड़ताल कर रही हैं और पता लगाया जा रहा है कि गुप्त सूचनाएं लीक करने के इस षड़यंत्र में निशांत के साथ कोई और कर्मचारी तो शामिल नहीं है। यह भी पता लगाया जा रहा है कि गिरफ्तार युवक ने किन-किन जानकारियों को दुश्मन देश के हाथों में पहुंचाया है। अगर उसने सुरक्षा व्यवस्था या ब्रह्मोस मिसाइल के बारे में दूसरे देशों को अहम जानकारी दी होगी तो भारत के लिए यह बड़ा झटका हो सकता है।