दरअसल, एक मोबाइल दुकानदार सुनील कुमार ने इस बात की जानकारी दी है। दुकानदार का कहना है कि भाटिया परिवार के नारायणी देवी के छोटे बेटे ललित ने उसे दस नया मोबाइल नंबर लेने की बातें की थी। लेकिन उसने शर्त रखी थी कि हर मोबाइल नंबरों के अंकों का जोड़ 51 होनी चाहिए। अपने नियमित ग्राहक के आग्रह पर सुनील ने काफी मगजमारी कर दस अंकों के कुल जोड़ वाले नंबर-51 के 2000 मोबाइल नंबर ललित भाटिया को मुहैया कराया। इनमें से ललित ने दस मोबाइल नंबर खरीदे। साथ ही दो नंबरों को एक्टिवेट भी कराया। दुकानदान ने बताया कि इन नंबरों को ललित भाटिया ने घटनावाले दिन शनिवार को खरीदे थे। लेकिन उस दिन वो जल्दबाजी में थे।
दुकान ने इस बात की भी जानकारी दी कि ललित नया मोबाइल नंबर बार-बार खरीदते थे। लेकिन पहली बार उन्होंने दस नए नंबर खरीदे। हर कुछ महीनों के बाद नया मोबाइल भी खरीदते थे। उन्होंने बताया कि शनिवार दोपहर 12.28 मिनट पर ललित दुकान पर आए। वह मोबाइल नंबर व मोबाइल की खरीददारी के वक्त कुछ देर रुककर अच्छे विचार भी शेयर किया करते थे। वो अक्सर धार्मिक और रीति-रिवाजों से जुड़ी बातें किया करते थे। लेकिन उन्होंने अपने प्लान के बारे में कभी कुछ नहीं बताया। न ही उनके बातचीत से इस बारे में कुछ संकेत मिला।