सीबीआई विशेष निदेशक राकेश अस्थाना रिश्वत मामले में बिचौलिए को मिल गई जमानत
सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना से जुड़े भ्रष्टाचार के एक मामले में मंगलवार को एक नया मोड़ आया। दिल्ली की एक अदालत ने मामले में कथित बिचौलिये मनोज प्रसाद को जमानत दे दी।
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नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना से जुड़े भ्रष्टाचार के एक मामले में मंगलवार को एक नया मोड़ आया। दिल्ली की एक अदालत ने मामले में कथित बिचौलिये मनोज प्रसाद को जमानत दे दी।
सीबीआई के विशेष न्यायाधीश संतोष स्नेही मान ने पाया की प्रसाद को सलाखों के पीछे रखने का कोई मतलब नहीं है और उसे जमानत दे दी। प्रसाद को समान राशि की दो जमानत के साथ एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी गई। अदालत ने उसे निर्देश दिए कि वह बिना इजाजत देश नहीं छोड़ेगा और हर सोमवार सीबीआई के समक्ष पेश होगा।
बता दें कि सीबीआई ने बीते 15 अक्टूबर को राकेश अस्थाना के खिलाफ एक मामला दर्ज किया था। यह मामला मांस कारोबारी मोईन कुरैशी के खिलाफ कथित रूप से मामला कमजोर करने के लिए सना सतीश बाबू से दो करोड़ रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में दर्ज किया गया था। इस राशि को दो बिचौलियों मनोज प्रसाद और सोमेश प्रसाद के जरिए पहुंचाया गया था।
इसके बाद मनोज प्रसाद को 17 अक्टूबर को गिरफ्तार कर लिया गया था। रॉ (रिसर्च एंड एनालिसिस विंग) से सेवानिवृत्त प्रसाद के पिता दिनेश्वर प्रसाद ने कहा था कि प्रसाद को फर्जी तरीके से मामले में फंसाया गया है।
उसके पिता ने एक टीवी चैनल से कहा था, “मनोज ने कभी भी अस्थाना से बात नहीं की है और न ही मुलाकात की है। यह पूरा मामला काफी मनगढ़ंत लगता है।” गौरतलब है कि सीबीआई घूसकांड मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने बीते 13 नवंबर को मनोज प्रसाद की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। जस्टिस नजमी वजीरी ने जमानत देने से इनकार करते हुए कहा कि मनोज के खिलाफ आरोप गंभीर किस्म के हैं। मामले की जांच अंतिम दौर में हैं। ऐसे हालात में जमानत देना ठीक नहीं इसलिए याचिका खारिज की जाती है।
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