कर्णन ने हाल ही में एक वीडियो जारी किया था जिसमें उन्हें आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए और न्यायपालिका के अधिकारियों के खिलाफ यौन हिंसा की धमकी देते हुए सुना गया था। उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के कुछ न्यायाधीशों ने महिला कर्मचारियों के साथ यौन उत्पीडऩ किया और उन्होंने कथित पीडि़तों के नाम भी लिए थे।
बता दें कि जब कर्णन कलकत्ता उच्च न्यायालय में जज थे तब उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने 2017 में अदालत की अवमानना करने के लिए 6 महीने की जेल की सजा सुनाई थी। उन्हें कोलकाता पुलिस ने गिरफ्तार किया था और उन्होंने अपनी 6 महीने की सजा भी पूरी की थी।