हिमाचल के CM वीरभद्र पर मानहानि का आरोप तय, चार्जशीट दाखिल
अधीनस्थ सेवाएं चयन बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष एसएम कटवाल ने वीरभद्र सिंह के खिलाफ मानहानि का मामला दायर कराया था।
शिमला। हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल पर नौकरियां बेचने का आरोप लगाने के मामले में ऊना की एक अदालत ने हिमाचल के वर्तमान मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह पर आरोप तय कर दिए हैं। इस मामले के बाद वीरभद्र सिंह की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। सीबीआई के केस के बाद अब वीरभद्र सिंह के खिलाफ मानहानि के एक मुकदमे में ऊना की अदालत ने आरोप पत्र जारी किया है। अधीनस्थ सेवाएं चयन बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष एसएम कटवाल ने वीरभद्र सिंह के खिलाफ मानहानि का मामला दायर कराया था। मामले की अगली सुनवाई 12 अक्टूबर होगी।
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह पर आरोप है कि उन्होंने नगरोटा सूरियां में कार्यकर्ताओं की बैठक में प्रेम कुमार धूमल पर आरोप लगाया था कि हमीरपुर में नौकरियां बेचने का ठेका खोल रखा है। अधीनस्थ सेवाएं चयन बोर्ड पर भी आरोप लगाए गए थे। प्रदेश के बाहर के लोगों को नौकरियां बेची जा रही हैं। 25 सितंबर 2004 को वीरभद्र सिंह द्वारा दिए गए इस बयान पर अधीनस्थ सेवाएं चयन बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष एसएम कटवाल ने सात मार्च 2005 को मुख्यमंत्री के खिलाफ ऊना की अदालत में मानहानि का केस दायर किया था। हालांकि वीरभद्र सिंह खुद अदालत नहीं आए, उन्हें कोर्ट में गैर हाजिर रहने की अनुमति मिली हुई है। जिसके कारण अदालत ने वीरभद्र सिंह के वकील को यह आरोप पढ़कर सुनाए, याचिकाकर्ता सुरेंदर मोहन कटवाल ने वीरभद्र सिंह पर बिना किसी आधार के उनकी मान मर्यादा भंग किए जाने का आरोप लगाया है।
अदालत ने वीरभद्र सिंह पर आरोप तय करते हुए कटवाल को 12 अक्टूबर को गवाह पेश करने को कहा है। मुख्यमंत्री के कोर्ट में पेश होने के सवाल पर अधिवक्ता ने बताया कि यह अदालत पर निर्भर करता है। हालांकि अदालत ने पहले भी मुख्यमंत्री को पेश होने को कहा था पर उन्होंने व्यस्तता का हवाला देकर छूट हासिल कर ली थी। मानहानि के इस मामले में आरोप साबित होने पर धारा 499 और 500 के तहत कानूनन दो साल की सजा दी जा सकती है। याचिकाकर्ता पक्ष की तरफ से वीरभद्र सिंह को अदालत में बुलाएंजाने की अपील किए जाने का दावा भी किया गया है।
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