‘सब्जी मंडी के पास पुलिसकर्मियों पर हमला’ जानकारी के मुताबिक, रविवार को पटियाला सनौर रोड स्थित सब्जी मंडी में जा रहे निहंग सिंहों को पुलिस ने रोका। पुलिस ने उन सबसे कर्फ्यू पास मांगा। इसी बात पर निहंगों ने पुलिस पर हमला बोल दिया। कई पुलिस वाले घायल हो गए। इस हमले में एक एएसआई की कलाई कटकर अलग हो गई। देखते ही देखते पुलिस ने भी मोर्चा संभाल लिया। लेकिन, बेरिकेट को तोड़ते हुए निहंग गुरुवाद्वारा में दाखिल हो गए। इस हमले में थाना सदर प्रभारी बिक्कर सिंह और एक अन्य मुलाजिम भी घायल हो गए। एसएसपी मनदीप सिंह सिद्धू ने बताया कि घायल को राजिंदरा अस्पताल में दाखिल करवाया गया है। वहीं, कलाई कटने से जख्मी हुए एएसआई की हालत गंभीर होने के कारण पीजीआई चंडीगढ़ रेफर कर दिया गया है। घटना के बाद निहंग एक गुरुद्वारे में छिप गए हैं और बाहर काफी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है। इस घटना के बाद से इलाके में हड़कंप मच गया है।
‘दिल्ली के शेल्टर होम में आगजनी’ शनिवार को दिल्ली के कश्मीरी गेट स्थित शेल्टर होम में आग लगा दी गई। इस शेल्टर होम में कई बेघर और बेसहारा लोग रहते हैं। बताया जा रहा है कि शुक्रवार को खाने को लेकर शेल्टर होम में रहने वाले दो गुटों के बीच झड़प हुई। झगड़े के दौरान एक गुट ने विरोधी गुट के लोगों की पिटाई कर दी। इस मामले में आरोप है कि एक शख्स को इतना पीटा गया कि वो यमुना में कूद गया और शनिवार को उसका शव बरामद हुआ था। जब शव को लेकर यहां के रहने वाले लोग शेल्टर होम के पास आए तो पुलिस से कार्रवाई की मांग की। लेकिन जब पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं कि तो इन लोगों ने पथराव कर दिया और 3 शेल्टर होम को जला दिए। वहीं, अब पुलिस ने इस मामले में शामिल 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। स्थानीय पुलिस के मुताबिक जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है वो शेल्टर होम के ही रहने वाले हैं। इस मामले में दिल्ली पुलिस अभी कुछ और लोगों की तलाश में है।
‘तमिलनाडु में मजदूरों का विरोध प्रदर्शन’ वहीं, तमिलनाडु के यगप्पा नगर क्षेत्र में एमजीआर स्ट्रीट में दिहाड़ी मजदूरों ने विरोध-प्रदर्शन किया। उन्होंने आरोप लगाया कि लॉकडाउन की वजह से उनके पास जरूरी सामान खरीदने के लिए पैसे नहीं हैं। एमजीआर स्ट्रीट को कोविड-19 के कंटेनमेंट जोन के रूप में घोषित करके सील कर दिया गया है। इस दौरान मजदूरों ने जमकर उत्पात मचाया। मामला इतना बिगड़ गया कि मौके पर काफी संख्या में पुलिस बल की तैनाती करनी पड़ी।
‘सूरत में अप्रवासी मजदूरों ने गाड़ियों को फूंका’ इससे पहले सूरत में लॉकडाउन से परेशान सैकड़ों प्रवासी मजदूर शुक्रवार रात उग्र होकर सड़कों पर उतर आए। ये लोग उन्हें वापस उनके घर भेजने की व्यवस्था करने की मांग कर रहे थे। अपने उग्र प्रदर्शन के दौरान मजदूरों ने कई वाहन भी फूंक डाले और तोड़फोड़ की। पुलिस ने आगजनी करने वालों को खदेड़कर किसी तरह स्थिति को अपने काबू में ले लिया। एक अधिकारी का कहना है कि प्रदर्शन कर रहे इनमें से कुछ मजदूरों ने अपने गृह राज्य लौटने देने की मांग करते हुए, वहां रखे हाथ ठेलों और दूसरे वाहनों में आग लगा दी और तोड़फोड़ की। उग्र प्रदर्शन को रोकने के लिए पहुंची पुलिस ने कुछ मजदूरों को मौके से हिरासत में ले लिया। तब कहीं जाकर स्थिति काबू में आई।
‘यूपी के मुजफ्फरनगर में हुआ था पुलिस पर हमला’ इससे पहले उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में कुछ दंबगों ने पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया था। जानकारी के मुताबिक, मोरना पुलिस चौकी प्रभारी लेखराज और 2 पुलिसकर्मियों रवि और जितेंद्र को कुछ लोगों ने दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। ये सभी आरोपी लॉकडाउन का उल्लंघन कर रहे थे, जब पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो दबंगों ने उनपर हमला बोल दिया। दबंगों पुलिसकर्मियों पर लाठी , डंडो, लोहे की रॉड और पत्थरों हमले किए। इस हमले में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। इनके अलावा लॉकडाउन के दौरान कई और जगहों पर आम पब्लिक ने पुलिसकर्मियों पर हमले किए। ऐसे में सवाल यह उठता है कि सरकार लॉकडाउन बढ़ाने पर विचार कर रही है। लेकिन, लॉकडाउन के दौरान जिस तरह पुलिसकर्मियों पर हमले वो रहे हैं, वह चिंता का विषय है। क्योंकि, अगर पुलिसकर्मी ही सुरक्षित नहीं रहेंगे तो जनता कहां से सुरक्षित रहेगी?