चलती कार में महिला सिंगर के साथ छेड़छाड़, विरोध करने पर कैब ड्राइवर ने दी दुष्कर्म की धमकी
हाईकोर्ट ने निचली अदालत द्वारा साफी को दोषी ठहराए जाने के आदेश को रद्द कर दिया। निचली अदालत के फैसले के खिलाफ साफी ने हाईकोर्ट में अपील की थी। पीठ ने कहा कि संदेह चाहे कितना मजबूत हो, लेकिन यह उसे दोषी करार देने के लिए सबूत नहीं बन सके हैं। अपीलकर्ता के खिलाफ मामला किसी संदेह से परे साबित होना चाहिए था। इस मामले में अभियोजन पक्ष ऐसा करने में विफल रहा। बिहार के मधुबनी का निवासी नीरज साफी सात जुलाई 2014 को ग्रेटर कैलाश-2 के अपने मालिक के घर में अपराध का आरोपी था। 31 जनवरी 2017 को निचली अदालत ने साफी को दुष्कर्म, हत्या और सबूत मिटाने के लिए दोषी करार दिया था।
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हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि अभियोजन पक्ष अपराध का मकसद साबित करने में विफल रहा क्योंकि मृतक से संबंधित कोई चीज चोरी नहीं हुई और बाकी घर का सामान वैसा ही रखा हुआ मिला। अदालत ने यह भी पाया कि अपराध की कड़ियों को जोड़ने में कई बातें गायब नजर आ रही हैं। अदालत ने कहा कि न तो फोरेंसिक रिपोर्ट और न ही पोस्टमार्टम में पाया गया कि वह अपीलकर्ता था जिसने महिला के साथ यौन संबंध बनाया था। पीठ ने कहा कि चिकित्सा और फॉरेंसिक सबूतों से अपीलकर्ता द्वारा महिला के साथ यौन उत्पीड़न की संभावना खारिज होती है, साथ ही अभियोजन पक्ष अपराध का मकसद भी साबित करने में विफल रहा है। पुलिस ने कहा था कि महिला की पोस्टमार्टम में खुलासा हुआ है कि उन्हें पीटा गया था, दुपट्टे से गला घोंटकर उन्हें मारा गया और आग के हवाले कर दिया गया था।