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निर्भया केस ‘सदमे की सुनामी’: जानें उस रात से लेकर अब तक इस मामले का हर सच

निर्भया गैंग रेप केस में आज सुप्रीम कोर्ट सुनाएगा अपना फैसला, 6 साल से निर्भया के परिवार को है इंसाफ का इंतजार. जाने तब से अब तक क्या हुआ

नई दिल्लीJul 09, 2018 / 09:29 am

धीरज शर्मा

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निर्भया केसः सदमे की सुनामी की उस रात से लेकर जाने अब तक इस मामले का हर सच

नई दिल्ली। दिल्ली गैंगरेप निर्भया कांड के तीन दोषियों की याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा। इस कांड के तीनों दोषियों को सजा-ए-मौत मिली है। आपको बता दें साल 2012 में 16 दिसंबर की रात चलती बस में गैंगरेप के मामले में कुल 6 आरोपी थे। राम सिंह की मौत के बाद मामले में बाकी पांच को दोषी पाया गया। पांच में एक नाबालिग दोषी को छोड़कर बाकी चार को सजा-ए-मौत का हुक्म दिया गया है। आइए जानते हैं 16 दिसंबर 2012 की उस दर्दनाक रात से लेकर अब तक इस केस में कब क्या हुआ….

उस दर्दनाक रात से अब तक…
16 दिसंबर 2012
पैरामेडिकल की छात्रा अपने दोस्त के साथ दिल्ली के मुनीरका से बस में यात्रा कर रही थी। इस दौरान 6 लोगों ने चलती बस में इस छात्रा के साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद पीड़िता और उसके दोस्त से मारपीट करके उन्हें चलती बस से नीचे फेंक दिया।

18 दिसंबर 2012
शिकायत के बाद दिल्ली पुलिस हरकत में आई और चार दोषियों राम सिंह, मुकेश, विनय शर्मा और पवन गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया।


21 दिसंबर 2012
इस केस में बचे दो आरोपियों को भी गिरफ्त में लिया गया। इनमें पुलिस ने एक नाबालिग को दिल्ली से और छठे दोषी अक्षय ठाकुर को बिहार से गिरफ्तार कर लिया।

29 दिसंबर 2012
सफदरजंग अस्पताल में भर्ती निर्भया की हालात में सुधार न होने के चलते उसे सिंगापुर भेजा गया, लेकिन जीने की चाह साथ में लेकर निर्भया जिंदगी की जंग हार गई।


3 जनवरी 2013
नाबालिग दोषी को छोड़कर दिल्ली पुलिस ने अपनी चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की। इसमें पांचों दोषियों के खिलाफ हत्या, गैंगरेप, हत्या की कोशिश, अपहरण और डकैती का केस दर्ज किया गया था।

17 जनवरी 2013
जनवरी की 17 तारीख को इस मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट ने पांचों दोषियों पर आरोप तय कर दिए।

11 मार्च 2013
करीब दो महीने बाद इस केस में नया मोड़ आ गया। तिहाड़ जेल में बंद सबसे बुजुर्ग आरोपी राम सिंह ने आत्महत्या कर ली।

31 अक्टूबर 2013
नाबालिग दोषी के खिलाफ जुवेनाइल बोर्ड ने अपना फैसला सुनाया। दोषी को गैंगरेप और हत्या का दोषी करार दिया गया। उसे तीन साल के लिए सुधार गृह में भेज दिया गया।


10 सितंबर 2013
निर्भया कांड के करीब 9 महीने बाद फास्ट ट्रैक कोर्ट ने चार आरोपियों मुकेश, विनय, पवन और अक्षय को दोषी ठहराया। दो दिन बाद यानी 13 सितंबर को चारों को मौत की सजा सुनाई गई।
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13 मार्च 2014
दिल्ली हाई कोर्ट ने भी इन चारों दोषियों की मौत की सजा को बरकरार रखा। लेकिन दो दिन बाद ही सुप्रीम कोर्ट ने इस फांसी दिए जाने पर रोक लगा दी।

20 दिसंबर2015
बालसुधार गृह भेजे गए नाबालिग अपराधी को रिहा किया गया, जिसका देशभर में जमकर विरोध हुआ।

27 मार्च 2016
सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा।


5 मई, 2017
सुप्रीम कोर्ट ने इस केस को सदमे की सुनामी बताते हुए इन चारों दोषियों की मौत की सजा को बरकरार रखा।
9 नवंबर 2017
एक दोषी मुकेश ने सुप्रीम कोर्ट में फांसी की सजा बरकरार रखने के फैसले पर पुनर्विचार याचिका दायर की

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9 जुलाई 2018
निर्भया गैंगरेप मामले में सुप्रीम कोर्ट पुनर्विचार याचिका पर 9 जुलाई यानी आज फैसला सुनाएगा। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति आर भानुमति और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ के. मुकेश, पवन गुप्ता और विनय शर्मा की याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाएंगे।

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