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Delhi Violence: कॉन्स्टेबल रतनलाल हत्याकांड के मिले अहम सुराग, SIT के हाथ दंगे का वीडियो

Delhi Violence: सीनियर कॉन्स्टेबल रतनलाल हत्याकांड में SIT के हाथ अहम सुराग
दंगा का नया वीडियो भी आया सामने
रतनलाल ( Ratanlal ) हत्याकंड में जल्द हो सकता है बड़ा खुलासा

नई दिल्लीMar 06, 2020 / 02:43 pm

Kaushlendra Pathak

ratanlal
नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून ( CAA ) के नाम पर दिल्ली में भड़की हिंसा ने हड़कंप मचा दिया है। उत्तर-पूर्वी दिल्ली ( North East Delhi ) हिंसा में अब तक 53 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि करीब 200 लोग घायल बताए जा रहे हैं। इस हिंसा में सीनियर कॉन्स्टेबल रतनालाल ( Ratanlal) के साथ-साथ एक आईबी अधिकारी अंकित शर्मा ( Ankit Sharma ) की भी हत्या हुई थी। इस हिंसा की जांच अब तेज हो गई है। वहीं, रतनलाल हत्याकांड में SIT को अमह सुराग मिले हैं।
SIT को आप पार्षद ताहिर हुसैन और घटनास्थल के कई वीडियो हाथ लगे हैं। इन मोबाइल वीडियो और ताहिर की गिरफ्तारी के बाद जांच में जुटी टीमों को उम्मीद है कि ये वीडियो उसी जगह के हैं, जहां रतनलाल को भीड़ ने घेर लिया था। सहायक पुलिस आयुक्त स्तर के एक अधिकारी ने कहा कि अभी तक 5-6 वीडियो मिले हैं। ये वीडियो मोबाइल से कैप्चर किए गए हैं। वीडियो वायरल हो चुके हैं। हमारी टीम चूंकि दंगों से संबंधित सबूत जुटाने के लिए सोशल मीडिया पर भी नजर रख रही थी, लिहाजा जैसे ही वीडियो वायरल हुए, हमारी टीमों ने भी इन वीडियो को ध्यान से देखा।
एसआईटी टीमों में शामिल एक इंस्पेक्टर ने कहा कि वीडियो चांदबाग और उसके आसपास के इलाके के ही हैं। वीडियो भले ही एक ही जगह के हों, मगर हर वीडियो अलग-अलग एंगल से कैप्चर्ड हैं। वीडियो देखने से भी 24 फरवरी का ही लगता है। जिस तरह दंगों के पहले दिन भीड़ ने तांडव मचाया था, इन वीडियो में भी उसी तरह का तांडव साफ-साफ नजर आ रहा है। वीडियो आम पब्लिक ने बनाए हैं। ऐसे में अदालत में बतौर सबूत इन्हें जांच टीम किस तरह पेश करेगी?
डीसीपी स्तर के एक अधिकारी का कहना है कि फिलहाल हम सबूत-गवाह जुटा रहे हैं। हमारी कोशिश है हर हाल में असली मुजरिमों तक पहुंचने की। ये वीडियो इस लिहाज से बहुत मददगार साबित हो रहे हैं। वैसे तो इन वीडियो को सबूत के बतौर अदालत में पेश करने में कोई परेशानी नहीं है। इन वीडियो की फॉरेंसिक जांच भी कराई जा रही है। ताकि वीडियो बस संपादित करके बनाए हुए न मिलें। साथ ही वीडियो अदालत में पेश करते वक्त हमें यह भी साबित करना होगा कि ये सब (वीडियो) किस इलाके के और 24-25 फरवरी को भड़की हिंसा के ही हैं। अक्सर देखने में आता है कि, ऐसे गंभीर हालातों में इस तरह के पुराने या फिर कहीं और के भी वीडियो वायरल करने का चलन शुरू हो जाता है।
एसआईटी की टीम ‘बी’ में शामिल एक एसीपी का कहना है कि ताहिर हुसैन का मिलना भी बहुत काम आ रहा है। जो वीडियो वायरल हो रहे हैं, उनके बारे में ताहिर भी काफी कुछ बताएगा। दंगे को दौरान ताहिर उस दिन चांद मोहल्ला में ही कई घंटों तक मौजूद था। वीडियो में भीड़ जिस तरह पुलिस को घेरकर निशाना बना रही है, उससे क्या यह साबित हो सकता है कि हवलदार रतन लाल भी इसी भीड़ का शिकार हुए थे? एसआईटी के एक अन्य अफसर का कहना है कि कुछ भी संभव है। अभी ताहिर और वीडियो आमने-सामने लाने हैं। उम्मीद है कि ताहिर इन वीडियो को देखकर कुछ नये तथ्य और जानकारी स्थापित करा सके। फिलहाल, पूरे मामले की छानबीन की जा रही है और माना जा रहा है कि जल्द ही मामले का खुलासा कर दिया जाएगा।

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