करीब साढ़े चार करोड़ रुपए के इस कथित घोटाले में जैन के खिलाफ सीबीआई की जांच भी चल रही है। इस मामले में सीबीआई ने जैन के घर की भी तलाशी ली थी। सीबीआई ने जैन के साथ-साथ उनकी पत्नी और चार अन्य के खिलाफ हवाला के जरिये फंड ट्रांसफर करने का आरोप लगाया था। इसके बाद जैन से दो और उनकी पत्नी से एक बार पूछताछ की गई थी। इस दौरान वे करीब 1.62 करोड़ रुपए का हिसाब नहीं दे पाए। अगस्त 2017 में सीबीआई ने बताया था कि इन शेल कंपनियों में जैन दंपती के नाम एक तिहाई हिस्सेदारी है।
जांच एजेंसियों के मुताबिक जैन ने इन तीनों कंपनियों में निदेशक के पद पर थे, लेकिन चुनाव लड़ने से पहले 2013 में उन्होंने इस्तीफा दे दिया। कोलकाता की एक कंपनी के साथ मिलकर इन कंपनियों की मदद से रकम ट्रांसफर की गई। इनसे कमाई रकम से दिल्ली के औचंदी बॉर्डर, बवाना, कराला और मोहम्मद माजवी गांवों में करीब 200 बीघा जमीन खरीदे जाने का भी मामला सामने आया था। हालांकि सत्येंद्र जैन ने इन सभी आरोपों को खारिज कर दिया था।
करावल नगर से आम आदमी पार्टी के बागी विधायक कपिल मिश्रा ने पिछले साल स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन पर दवा खरीद में घोटाले का आरोप लगाया था। उन पर करीब 300 करोड़ रुपए की हेराफेरी के आरोप लगे थे।