…ऐसे शुरू हुआ उलझाने का खेल रंजीता को एक प्रसिद्ध अस्पताल के नाम से 5 जून को एक ईमेल आया, जिसमें पूछा गया कि क्या वह अपनी किडनी डोनेट करना चाहेंगी? साथ ही यह भी लिखा कि यदि वे किडनी देंगी तो उन्हें 1.64 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। रंजीता ने इंटरनेट पर ईमेल में बताए गए हॉस्पिटल और डॉक्टर के संबंध में जानकारी जुटाई और ईमेल के माध्यम से ही किडनी देने के लिए अपनी सहमति दे दी। उनसे कहा गया कि दस्तावेजों की औपचारिकताएं पूरी होने के बाद उन्हें पहली किश्त के रूप में 80 लाख रुपए दिए जाएंगे। जबकि दूसरी किश्त के रूप में 84 लाख रुपए सर्जरी होने के बाद दिए जाएंगे।
…और यूं लूट लिए छह लाख लालच के खेल में उलझाने के बाद कागजी औपचारिकताएं पूरी करने के नाम पर वसूली का खेल शुरू हो गया। प्राप्त जानकारी के मुताबिक रंजीता की सहमति मिलने के बाद उनसे कहा गया कि प्राथमिक कागजी कार्रवाई के लिए उन्हें कुछ रुपए देने होंगे।
– पहली बार 6 जून को उन्होंने 40 हजार रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर किए थे।
– इसके बाद किडनी डोनर कार्ड, फिर बीमा और पेपर वर्क के लिए कुछ और रुपये जमा कराने को कहा।
– धीरे-धीरे रंजीता ने ऑनलाइन ट्रांसफर के रूप में छह लाख रुपए भेज दिए।
शुरू हुई पुलिस जांच इस संबंध में पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हालांकि अभी आरोपियों के संबंध में कोई जानकारी सामने नहीं आई है। हालांकि पुलिस का कहना है कि किसी ने फर्जी वेबसाइट और डॉक्टर की पहचान का दुरुपयोग कर महिला के साथ ठगी की है।