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नकली देशी घी का निर्माण श्रीगंगानगर में, बिक्री दूसरे राज्यों में

नकली देशी घी के निर्माण के लिए कुख्यात रहे बीकानेर को अब श्रीगंगानगर पीछे छोडऩे जा रहा है। पंजाब, हरियाणा व उत्तरप्रदेश से ब्रांडेड कंपनियों से मिलती-जुलती पैकिंग में आ रहे नकली देशी घी की तर्ज पर अब श्रीगंगानगर में भी वनस्पति घी में देशी घी का आसव (एसेंस) मिलाकर बड़ी मात्रा में नकली देशी घी का निर्माण कर उसे दूरस्थ राज्यों में बेचा जा रहा है।

श्री गंगानगरMay 18, 2024 / 01:35 am

yogesh tiiwari

Fake desi ghee manufactured in Sriganganagar, sold in other states

उद्योग विहार में नकली घी की जांच करते हुए अधिकारी।

उड़ीसा, छत्तीसगढ़ और असम सहित कई राज्यों में बिक्री, भूमि ब्रांड देशी घी को जांच में खाने के लिए असुरक्षित माना

श्रीगंगानगर. नकली देशी घी के निर्माण के लिए कुख्यात रहे बीकानेर को अब श्रीगंगानगर पीछे छोडऩे जा रहा है। पंजाब, हरियाणा व उत्तरप्रदेश से ब्रांडेड कंपनियों से मिलती-जुलती पैकिंग में आ रहे नकली देशी घी की तर्ज पर अब श्रीगंगानगर में भी वनस्पति घी में देशी घी का आसव (एसेंस) मिलाकर बड़ी मात्रा में नकली देशी घी का निर्माण कर उसे दूरस्थ राज्यों में बेचा जा रहा है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत मार्च और मई माह में दो बड़ी कार्रवाइयों में नकली देशी घी के निर्माण और उसकी बिक्री के धंधे का खुलासा हुआ है। विभाग की टीम ने 9 मई को रिको में महादेव इंडस्ट्रीज पर छापा मारा तो वहां 2750 लीटर वनस्पति घी और 2160 लीटर मिल्क बाइट ब्रांड का डिब्बा बंद देशी घी मिला। देशी घी में मिलावट की आशंका व्यक्त की गई है। इसके नमूने जांच के लिए जयपुर प्रयोगशाला में भिजवाए गए हैं।

निर्माता बाहर के

छापे की कार्रवाई में शामिल सीओआईईसी विनोद बिश्नोई ने बताया कि महादेव इंडस्ट्री के मालिक हरियाणा के हैं और फैक्ट्री के संचालन की जिम्मेदारी एक स्थानीय व्यक्ति को दे रखी थी। इस फैक्ट्री में बनने वाले मिल्क बाइट देशी घी की बिक्री जयपुर के अलावा उड़ीसा, छत्तीसगढ़ और असम सहित कई राज्यों में की जा रही थी। श्रीगंगानगर जिले में इसकी बिक्री नहीं हो रही थी। फैक्ट्री में बड़ी मात्रा में मिले वनस्पति घी को लेकर विभाग का मानना है कि संभवत: इसी में देशी घी का एसेंस मिलाकर मिलावटी देशी घी का निर्माण किया जा रहा होगा।

स्वास्थ्य के लिए खतरनाक

इससे पहले चिकित्सा विभाग की टीम ने 31 मार्च को पुरानी धानमंडी अनिल एंड कंपनी पर दबिश देकर मिलावटी होने के संदेह में भूमि ब्रांड का 1597 लीटर देशी घी सीज किया था। जयपुर प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजे गए नमूनों की रिपोर्ट चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को मिल गई है। भूमि ब्रांड देशी घी को खाने के लिए असुरक्षित बताया गया है। अनिल एंड कंपनी के खिलाफ अब खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

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