मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जिला मेसहाणा के बेचराजी तालुका के आदिवाड़ा गांव निवासी एकता पटेल ने शाहपुर पुलिस स्टेशन में मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस को दी गई शिकायत में एकता ने बताया कि बीते 23 अप्रैल को उनकी शादी हुई थी। शादी से पहले पति ने अपना सरनेम मेहता बताया था और कहा था कि वो एक ब्राह्मण है। विवाह पंजीकरण कराने के बाद महिला को पता चला कि पति ब्राह्मण नहीं है और उसका सरनेम खमार है।
मीडिया से बातचीत में एकता ने कहा कि बीते वर्ष अप्रैल में एमकॉम की पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी की बहुत जरूरत थी। परिवार की माली हालत ठीक नहीं थी। इस दौरान एक गैस एजेंसी में अकाउंटेंट की पोस्ट निकली, तो उसमें आवेदन कर दिया। एजेंसी की मालकिन ज्योत्सना मेहता से 5,000 रुपये प्रतिमाह की पगार पर बात हुई। नौकरी करने के बाद मालकिन के बेटे यश से संपर्क हुआ।
उन्होंने आगे बताया कि यश ने उन्हें अपनी जाति ब्राह्मण बताई थी। कुछ वक्त बाद एक-दूसरे से प्रेम हो गया और शादी का फैसला ले लिया। इसकी मुख्य वजह उसका (यश) सवर्ण (उच्च जाति) का होना था। इसके बाद 23 अप्रैल 2018 को हिंदू रीति रिवाज से खानपुर के स्टर्लिंग केंद्र में एक पुजारी ने दोनों की शादी करवाई। फिर एएमपी शाहपुर मैरिज रजिस्ट्रार के कार्यालय में शादी का रजिस्ट्रेशन भी करवाया।
इसके कुछ दिन बाद पता चला कि यश का सरनेम खमार है। जब सरनेम के बारे में यश से पूछा तो पता चला कि यह ब्राह्मण सरनेम नहीं है। यश ने अपनी जाति छिपाई, भरोसा तोड़ा और झूठ बोला। बाद में जब यह बात अपने परिजनों को बताई तो वे उसे थाने लेकर पहुंचे और पति के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई।