यह है पूरा मामला… गोवर्धन मुंडा अपनी पत्नी इतवारी देवी के साथ घर में अकेले था। बच्चे मेला देखकर किसी रिश्तेदार के यहां चले गए थे। लेकिन, आधी रात को दोनों में किसी बात को लेकर बहस शुरू हो गई। मामला इतना बिगड़ गया कि गोवर्धन ने कुल्हाड़ी उठाई और अपनी पत्नी के सिर पर मार दिया। इसके बाद उसके कंधे पर कुल्हाडी से वार किया। इस हमले में इतवारी देवी की मौके पर ही मौत हो गई। । घटना के चार-पांच घंटे बाद गोवर्धन मुंडा ने फिर से कुल्हाड़ी उठाई और पत्नी के दोनों पैरों को काट डाला। शुक्रवार की सुबह जब गोवर्धन के बेटा-बेटी घर लौटे, तो घर में अंधेरा था। वे जब अंदर गए तो अपनी मां का शव जमीन पर पड़ा देखा और पैर कटा हुआ था। इसके बाद दोनों ने घटना की जानकारी ग्रामीणों और अन्य परिजनों को दी। सूचना मिलने के बाद गांव में ग्रामीणों की बैठक हुई। इसके बाद मामले की जानकारी पुलिस को दी गई। गांव पहुंचकर पुलिस ने हत्यारे गोवर्धन मुंडा को गिरफ्तार कर लिया।
मानसिक रूप से बीमार था गोवर्धन मुंडा गोवर्धन मुंडा ने जुर्म कबूल कर लिया है। बताया जा रहा है कि वो मानसिक रूप से बीमार था और चार साल पहले कांके में उसका इलाज हुआ था। फिलहाल, पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है।