दरअसल, इस केस की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस एसए बोवडे ने तेलंगाना पुलिस के वकील से पूछा कि चारों आरोपियों ने पुलिस वालों पर पहले हमला किया था? उन्होंने पुलिस वालों से जो पिस्तौल छीनी थी, उससे उनपर फायर किया था? इस पर वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि जी हां आरोपियों ने पुलिसकर्मियों से बंदूक छीनी, उनपर फायरिंग की थी। लेकिन, एक भी गोली पुलिसवालों को नहीं लगी। जबकि, शुरुआत में तेलंगाना पुलिस ने कहा था कि आरोपियों के गोली और पत्थर लगने के कारण दो पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं। कहा यहां तक जा रहा है कि इस हमले में पुलसकर्मियों को गंभीर चोटें लगी हैं और उनकी स्थिति ठीक नहीं है।
इतना ही नहीं वकील मुकुल रोहतगी ने तेलंगाना सरकार की ओर से कहा कि पड़ोसी जिलों के वरिष्ठ IPS अधिकारियों की SIT बना कर जांच शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि इन्हीं चारों आरोपियों ने घटना को अंजाम दिया था। सीसीटीवी फुटेज सबूत हैं, जिसमें एक आरोपी के पास डॉक्टर की स्कूटी थी और वो पेट्रोल खरीद रहा था। यह पेट्रोल डॉक्टर की लाश को जलाने के लिए खरीदा गया था। अब देखना यह है कि इस केस को कब तक सुलझाया जाता है?