मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह जानकारी इंटेलीजेंस इनपुट के जरिये मिली है। इंटेलीजेंस रिपोर्ट में भारतीय नौसेना को अलर्ट भेजा गया है। इसमें बताया गया है कि जैश-ए-मोहम्मद ने कुछ खास आतंकियों को चुना है जो डाइविंग और डीप सी ऑपरेशंस में माहिर हैं। इन आतंकियों को अब समुद्र के भीतर से आतंकी वारदात को अंजाम देने का गहन प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
बिहारः पूजा के बाद प्रसाद खाकर 33 की बिगड़ी तबीयत, अस्पताल में फैली अव्यवस्था पाकिस्तान स्थित बहावलपुर में यह प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया जा रहा है और आतंकियों को समुद्र के भीतर जाकर जंगी जहाजों को निशाना बनाकर बर्बाद कैसे किया जाए, के बारे में कड़ी ट्रेनिंग दी जा रही है। इन आतंकियों का मकसद भारतीय नौसेना के प्रमुख ठिकानों को निशाना बनाने के साथ ही नौसेना की प्रमुख ताकत माने जाने वाले जंगी बेड़ों को नष्ट करना है।
एजेंसी इनपुट के बाद नौसेना हाई अलर्ट पर है। जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों से नौसेना की संपत्तियों पर बड़ा खतरा मंडराने लगा है। सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि हिंदुस्तान की बैलिस्टिक मिसाइल की क्षमता रखने वाली सबमरीन आईएनएस अरिहंत और आईएनएस हरिघाट पर भी यह आतंकी खतरा मंडरा रहा है। विशाखापट्टनम में तैनात ये दोनों सबमरीन परमाणु हमले के लिए भी इस्तेमाल की जा सकती हैं।
सियासी जीत के लिए पाकिस्तानी नेता मांग रहे हिंदुस्तान की सूफी दरगाहों में मन्नत मीडिया रिपोर्ट में इस खतरे को निर्धारित ठिकानों को ही निशाना बनाने वाला बताया गया है, जिसके चलते नौसेना ने इन बेसों को चेतावनी जारी कर दी है। हालांकि नौसेना के वरिष्ठ अधिकारियों की मानें तो नौसेना के अड्डे और पोर्ट काफी सुरक्षित हैं। इनकी सुरक्षा के लिए कई स्तर के इंतजाम हैं। समुद्र के भीतर से आने वाली चुनौतियों और खतरों को भापनें और उन्हें नष्ट करने के लिए सक्षम सिस्टम मौजूद है।