सूरजकुंड के एसएचओ का कहना है कि यह आरोप गलत है। सीसीटीवी फुटेज में साफ है कि विद्यार्थी ने बगैर किसी दबाव के बयान दिया है। जेएनयू की विद्यार्थी ने दिल्ली पुलिस को दी शिकायत में बताया कि 14 अगस्त को जेएनयू के 6 छात्र और वह असोला वन्यजीव अभयारण्य के अंदर बनी एक झील के पास गए थे। रात लगभग 8:30 बजे वे लौट रहे थे। शिकायतकर्ता अपने दो दोस्तों के साथ बाइक पर सवार होकर मुख्य रोड पर जा रही थी जबकि इनके चार दोस्त पीछे पैदल आ रहे थे।
आरोप है कि रास्ते में कुछ युवकों ने बाइक रुकवा ली। उनके साथ एक अल्पसंख्यक छात्र भी था। रास्ते में मिले युवक धार्मिक भावनाएं भड़काने वाली बात कहकर उसे परेशान करने लगे। छात्रों ने विरोध किया, लेकिन वे नहीं माने। आरोपियों ने लड़की से अश्लील हरकत की और दुष्कर्म का भी प्रयास किया। करीब आठ-नौ लोगों ने उन पर लाठियों से हमला कर दिया।
आरोपियों ने उनकी आईडी मांग ली और मोबाइल भी तोड़ दिया। आरोप है कि जेएनयू के छात्र इसकी शिकायत देने थाना सूरजकुंड गए तो पुलिस ने उनसे जबरन यह लिखवा कर साइन करवा लिया कि वे कोई कार्रवाई नहीं चाहते। इसके बाद छात्रा ने दिल्ली पुलिस को शिकायत दी। शिकायत पर वसंत कुंज थाने ने जीरो एफआईआर कर थाना सूरजकुंड पुलिस को भेज दिया। थाना सूरजकुंड प्रभारी इंस्पेक्टर पंकज ने बताया कि स्टूडेंट मानव रचना यूनिवर्सिटी के सामने मौजूद खूनी झील पर गए थे। वहां पर तमाम चेतावनी लिखी गई हैं, इसके बावजूद वे देर रात तक वहां रहे।