सोहराबुद्दीन एनकाउंटर में मुंबई की अदालत ने आईपीएस दिनेश और गुजरात पुलिस के पूर्व डीआईजी डीजी वंजारा को बरी कर दिया है।
नई दिल्ली। सोहराबुद्दीन एनकाउंटर में मुंबई की अदालत ने आईपीएस दिनेश और गुजरात पुलिस के पूर्व डीआईजी डीजी वंजारा को बरी कर दिया है। इस मामले बीजेपी अध्यक्ष
अमित शाह का नाम आ चुका था। आइए जानते हैं कि क्या था सोहराबुद्दीन एनकाउंटर और क्यों विवादों में आए थे ये पुलिस अधिकारी।
कौन था सोहराबुद्दीन?
सोहराबुद्दीन मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले का रहने वाला था। जिसके खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज थे। हिट्रीशीटर सोहराबुद्दीन शेख के उज्जैन स्थित घर में 1995 में 40 एके-47 राइफल बरामद हुई थी। उस वक्त उसके खिलाफ अवैध हथियारों की तस्करी का मामला दर्ज हुआ था। बाद में सोहराबुद्दीन पर गुजरात और राजस्थान के मार्बल व्यापारियों से वसूली और हत्या के कई मुकदमें दर्ज हुए।
कैसे हुआ सोहराबुद्दीन का एनकाउंटर?
सीबीआई की चार्जशीट के मुताबिक 23 नवंबर 2005 को सोहराबुद्दीन और कौसर बी एक बस से हैदराबाद से महाराष्ट्र के सांगली जा रहे थे। तभी आतंकवाद निरोधी दस्ते ने उनकी बस को रुकवाया। पुलिस ने सोहराबुद्दीन को बस से उतारा लेकिन उसकी पत्नी कौसर बी जबरदस्ती उतर गईं। कौसर बी सोहराबुद्दीन को अकेला नहीं छोड़ना चाहती थी, जिस वजह से वो बस से उतरीं। उसके बाद दोनों को अहमदाबाद के एक फार्महाउस में ले जाया गया। इसके तीन दिन बाद दोनों की पुलिस मुठभेड़ में मौत हो गई। वहीं एक रिपोर्ट के मुताबिक सोहराबुद्दीन एनकाउंटर से पहले राजस्थान में छिपा बैठा था। 26 नवंबर 2005 को अहमदाबाद सर्किल और विशाल सर्किल के टोल प्लाजा पर उसको एनकाउंटर में मार गिराया गया। इस एनकाउंटर में गुजरात के एटीएस चीफ डीजी वंजारा और राजस्थान पुलिस के तत्कालीन एसपी एमएन दिनेश ने अहम भूमिका निभाई थी। पुलिस के मुताबिक सोहराबुद्दीन के अंदरवर्ल्ड और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से संबंध थे।