महाराष्ट्र : सामाजिक बहिष्कार किया, तो जाना पड़ेगा जेल
इस विधेयक को पारित करने के साथ ही सामाजिक बहिष्कार के खिलाफ विधेयक लाने वाला महाराष्ट्र देश का पहला राज्य बन गया है
मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा ने बुधवार को सर्वसम्मति से सामाजिक बहिष्कार (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2016 पारित कर दिया। इसके तहत अगर कोई भी व्यक्ति किसी भी व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह का सामाजिक बहिष्कार करता है तो उसे तीन साल तक की जेल हो सकती है, साथ ही एक लाख रुपए का आर्थिक जुर्माना भी लगाया जा सकता है। जुर्माना पीडि़त व्यक्ति को दिया जाएगा।
इस विधेयक को पारित करने के साथ ही सामाजिक बहिष्कार के खिलाफ विधेयक लाने वाला महाराष्ट्र देश का पहला राज्य बन गया है। विधेयक के मुताबिक, अगर कोई आरोपी इसके तहत दोषी करार दिया जाता है तो पीडि़त के बयान सुनने के बाद कोर्ट दोषी की सजा का निर्धारण कर सकती है। सजा समाधेय है।
विधेयक को विधानसभा में पेश करते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फणनवीस ने कहा कि प्रदेश में अबतक सामाजिक बहिष्कार के 68 मामले दर्ज किए गए हैं और रायगढ़ जिले में 633 लोगों की पहचान हो चुकी है। उन्होंने कहा कि इस विधेयक के तहत इस मध्यकालीन परंपरा को रोकने में काफी हद तक मदद मिलेगी।
विधेयक के तहत अपराध संज्ञय और जमानती है। सामाजिक बहिष्कार जैसी घटनाओं को रोकने के लिए निषेध अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। विधेयक के मुताबिक, चार्जशीट दाखिल होने के बाद छह महीने के अंदर सुनवाई पूरी हो जानी चाहिए ताकि आरोपियों को जल्द से जल्द सजा मिल सके।
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