उन पर आरोप है कि मकान के विवाद में पुलिस ये कार्रवाई की और 24 घंटे से ज्यादा हिरासत में रखने के बाद जबरन एक कागज पर हस्ताक्षर करवाकर उसे छोड़ा गया। मामले में पीड़ित ने एसएसपी कार्यालय पहुंचकर कार्रवाई न होने पर आत्मदाह की चेतावनी दी है। एसपी देहात विनीत जायसवाल ने मामले में सीओ से जांच कराकर कार्रवाई की बात कही है।
दरअसल बादलपुर थाना क्षेत्र के अच्छेजा गांव निवासी बिजेंद्र सिंह वर्तमान में आसाम रायफल नागालैंड में वारंट अफसर हैं। वर्ष 2004 से 2010 तक वह एनएसजी कमांडो थे। उस दौरान नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे और बिजेंद्र उनकी सुरक्षा में तैनात थे। इसके अलावा वह राजनाथ सिंह, अटल बिहारी वाजपेयी समेत कई बड़े नेताओं की सुरक्षा में तैनात रहे थे।
बिजेंद्र ने बताया कि वह अपनी भांजी की शादी में छुट्टी लेकर आए हुए हैं। 18 दिसंबर को गांव के कुछ लोगों ने उनके घर पर पथराव कर दिया। इसकी सूचना बिजेंद्र सिंह ने यूपी-100 पर कॉल कर दी। आरोप है कि मौके पर पहुंची पुलिस ने बिजेंद्र सिंह को थाने ले जाकर हवालात में बंद कर दिया।
इसके बाद उसके भाई और भतीजे को भी थाने में बंद कर दिया गया। आसाम रायफल के अधिकारियों को जैसे ही घटना की जानकारी मिली उन्होंने तुरंत थाने में फोन घुमाया, जिसके बाद अगले दिन बिजेंद्र को रिहा किया गया। आरोप है कि इससे पहले उससे जबरन मकान बेचने के कागज पर हस्ताक्षर करा लिए गए। पूरे मामले की शिकायत करने बिजेंद्र सिंह परिवार के साथ गुरुवार को एसएसपी कार्यालय पहुंचा और एसपी देहात से इस मामले की शिकायत भी की। उधर..पुलिस ने बताया कि दो पक्षों में झगड़ा होने पर दोनों पक्षों को हिरासत में लिया गया था। समझौता होने पर दोनों पक्षों को छोड़ दिया गया। मामले की जांच चल रही है।