2 साल पहले नदीम की शादी इलाहाबाद की लड़की से हुई थी। लड़की को पता नहीं था कि नदीम नशे का आदी है। शादी के बाद भी नदीम का नशेड़ीपन जारी रहा। फिर रोज-रोज की पिटाई से तंग आकर वो घर छोड़कर गई। सिर्फ पांच महीने हुए थे। अनवरी को बिल्कुल अच्छा नहीं लगा कि बहू घर छोड़ जाए। बहू की मान मनौव्वल की। भरोसा दिलाया कि वह उसको पिटाई से बचाएगी। लड़के की नशा छुड़वा देगी। इस वादे के बाद बहू ससुराल वापस आ गई।
मंगलवार की रात घर में सब थे। नदीम नशे में लुढ़कता, हिलता हुआ आया। अनवरी को अंदाजा लग गया कि ये आज कोई कांड करेगा। होश में नहीं है, तो पता नहीं किसे मार बैठे। अम्मा ने सारे बच्चों को पड़ोसी के घर भेज दिया कि जाकर सो जाओ। अकेली रह गई। नदीम और गुस्से में आ गया और अम्मा को ही पीटने लगा। जब वो थक गया तो अम्मा ने उसे सीढ़ियों पर धकेलकर उसके गले को दुपट्टे से कस दिया। थोड़ी देर में नदीम की सांसें रुक गईं। अम्मा ने गुस्से में दुपट्टा कसा होगा तो उसे पता नहीं रहा होगा कि ये मर जाएगा। गुस्सा ठंडा होने पर वह रात भर लाश के पास बैठी रोती रही। सुबह पौने 6 बजे परिवार के लोग वापस आए तो देखा कि वह बैठी रो रही है। अनवरी ने घर वालों के सामने कहा कि उसने ही बेटे को मारा है, ताकि बहू रोज-रोज की पिटाई से बच जाए फिर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया और 302 का मुकदमा दर्ज हो गया।