बताते चलें बीते दिनों मुख्तार अंसारी को रोपड़ जेल से बांदा जेल शिफ्ट किया गया था। जानकारी मिल रही है कि मुख्तार को लखनऊ की एसीजेएम थ्री कोर्ट में पेश किया जाएगा। मुख्तार पर फर्जी कागजातों से निष्क्रान्त संपत्ति पर कब्जा करने व अवैध निर्माण का है मामला चल रहा है। लखनऊ पुलिस ने मुख्तार पर बीते दिनों एफआईआर दर्ज कर करने के साथ मुख्तार के अवैध निर्माण को गिराया था। मुख्तार के खिलाफ धारा 420,467,468,471,120b के तहत मुकदमा हजरतगंज में दर्ज है।
बाराबंकी में गैंगस्टर एक्ट में की गई कार्यवाई दूसरी ओर बहुचर्चित एंबुलेंस प्रकरण में बाराबंकी पुलिस ने माफिया मुख्तार अंसारी समेत 13 आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा दर्ज किया है। इसमें मऊ, गाजीपुर, लखनऊ, प्रयागराज के 12 लोग आरोपी हैं। इनमें मऊ के श्याम संजीवनी अस्पताल एंड रिसर्च सेंटर की संचालिका डॉ अलका राय, डॉक्टर शेषनाथ राय भी शामिल है। सभी आरोपी इस प्रकरण में पहले ही जेल भेजे जा चुके हैं।
क्या कहती है पुलिस एसपी अनुराग वत्स ने बताया कि पुलिसअ अब मामले में चार्जशीट पेश कर संपत्ति कुर्क करने की कार्यवाही करेगी। दरअसल पंजाब जेल में बंद होने के दौरान मुख्तार न्यायालय जानें के लिए जिस निजी एंबुलेंस का इस्तेमाल करता था वह डॉक्टर अलका राय अस्पताल के नाम पर पंजीकृत थी। इसका रजिस्ट्रेशन फर्जी दस्तावेज के आधार पर बाराबंकी आरटीओ कार्यालय में किया गया था। इस मामले में जालसाजी का केस भी दर्ज किया गया था।
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अवैध सम्पत्ति के खिलाफ हुई कार्रवाई मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद बीते 5 वर्षों में मुख्तार अंसारी की मुसीबतें बढ़ीं हैं। मुख्तार अंसारी के खिलाफ जहां कोर आपराधिक मामलों में कानूनी कार्रवाई की गई वहीं दूसरी और मुख्तार अंसारी व इसके गैंग के खिलाफ एंटी भू माफिया स्क्वायट के तहत भी कार्रवाई की गई। मुख्तार अंसारी के परिवार के लोगों से जुड़ी अवैध संपत्तियों से कब्जा हटाने की कार्रवाई भी की गई। मऊ सीट से विधायक रहे मुख्तार अंसारी ने सइस बार खुद चुनाव न लड़कर अपने बड़े बेटे अब्बास अंसारी को मैदान में उतारा था। अब्बास अंसारी ने चुनाव में जीत दर्ज की है।
अवैध सम्पत्ति के खिलाफ हुई कार्रवाई मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद बीते 5 वर्षों में मुख्तार अंसारी की मुसीबतें बढ़ीं हैं। मुख्तार अंसारी के खिलाफ जहां कोर आपराधिक मामलों में कानूनी कार्रवाई की गई वहीं दूसरी और मुख्तार अंसारी व इसके गैंग के खिलाफ एंटी भू माफिया स्क्वायट के तहत भी कार्रवाई की गई। मुख्तार अंसारी के परिवार के लोगों से जुड़ी अवैध संपत्तियों से कब्जा हटाने की कार्रवाई भी की गई। मऊ सीट से विधायक रहे मुख्तार अंसारी ने सइस बार खुद चुनाव न लड़कर अपने बड़े बेटे अब्बास अंसारी को मैदान में उतारा था। अब्बास अंसारी ने चुनाव में जीत दर्ज की है।