जांच सीबीआई को सौंपी गई
बता दें कि गुरुवार को मुजफ्फरपुर शेल्टर होम दुष्कर्म मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को दे दी गई थी। वहीं उच्च न्यायालय की निगरानी में हो रही शेल्टर होम की जांच अब सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में की जा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सीबीआई से चार हफ्तों के अंदर स्टेटस रिपोर्ट देने को कहा है।
मीडिया को सवाधानी बरतने की सलाह
वहीं, इससे पहले इस केस में अदालत ने मीडिया को रिपोर्टिंग करते समय सावधानी बरतने को कहा। न्यायमूर्ती मदन भीमराव लोकुर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने पटना उच्च न्यायालय के मामले में मीडिया रिपोर्टिंग पर प्रतिबंध लगाने के आदेश को निष्प्रभावी बना दिया। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट करते हुए कहा था कि इस मामले में पूरी तरह से प्रतिबंध तो नहीं लगाया जा सकता, लेकिन मीडिया को रिपोर्टिंग के दौरान सावधानी बरतनी चाहिए। बता दें कि इससे पहले पटना उच्च न्यायालय इस मामले की निगरानी कर रही थी और मीडिया कवरेज पर रोक लगाई थी।
क्या है मामला
बता दें कि आरोपी ब्रजेश ठाकुर द्वारा संचालित मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में 34 नाबालिक लड़कियों के साथ यौन शोषण का मामला सामने आया था। शेल्टर होम में बच्चियों के साथ हुए अत्याचार ने बिहार की राजनीति को झकझोर कर रख दिया था। वहीं, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल सांइसेज, मुंबई की ओर से करवाए गए सर्वेक्षण के बाद जारी सामाजिक अंकेक्षण रिपोर्ट के आधार पर प्राथमिकी दर्ज करवाई गई थी।