लॉकडॉउन का वक्त साइबर ठगों के लिए काफी लाभकारी रहा, जहा लोगो के बीच ऑनलाइन खरीदारी व लेने देन बढ़ा, तो वहीं साइबर ठगों का नेटवर्क भी बढ़ा। बीते वर्ष नोएडा में साइबर अपराध से जुड़े 1585 मामले दर्ज किए गए। यह पूरे प्रदेश में सबसे अधिक है। एनसीआरबी की रिपोर्ट के तहत लखनऊ में 1465, प्रयागराज में 1102, गाजियाबाद में 896 और वाराणसी में 564 केस दर्ज किए गए। रिपोर्ट दर्शाती है कि लॉकडाउन की वजह से अन्य अपराध का ग्राफ नीचे रहा क्योंकि लोग घर से बाहर नहीं निकल सके।
कम्प्यूटर हैकिंग के मामले अधिक नोएडा में दर्ज 1585 केस में से 803 कम्प्यूटर हैकिंग से संबंधित थे। 307 मामले आईटी एक्ट, 51 रेनसमवेयर वायरस अटैक, 25 बैंकिंग फ्रॉड, नौ साइबर ब्लैकमेलिंग के 19 डेबिट-क्रेडिट कार्ड से संबंधित दर्ज किए गए। इसके अलावा ठगों ने कई तरह के झांसे देकर पीड़ितों से उनका ओटीपी पूछकर भी ठगी की।
साइबर सुरक्षा के लिए है स्टाफ की कमी अधिकतर मामलों के समय से ट्रेस न होने का कारण नोएडा साइबर सेल में इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारियों की कमी को भी बताया जाता रहा है। यहां पर करीब 16 सबइंस्पेक्टर और अन्य कांस्टेबल स्तर के कर्मचारी हैं। पुलिस कमिश्नरेट की तरफ से मुख्यालय को पत्र लिखकर साइबर सेल में कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने की मांग की गई है। इसके तहत एक एसीपी रैंक के अधिकारी सहित 150 कर्मचारियों की मांग की गई है।
बचाव के तरीके – इंटरनेट बैंकिंग और ऑनलाइन लेन-देन का इस्तेमाल कभी भी सार्वजनिक स्थान जैसेकि साइबर कैफे, ऑफिस, पार्क, सार्वजनिक मीटिंग और किसी भीड़ वाले स्थान पर न करें। – इंटरनेट बैंकिंग या किसी भी जरूरी अकाउंट में लॉगिन करें तो काम खत्म कर अपने अकाउंट को लॉगआउट करना न भूलें।
– अपने पर्सनल कंप्यूटर के पासवर्ड को मजबूत रखिए जो आसानी से किसी को पता न चले। – किसी भी स्पैम ई-मेल का उत्तर न दें। अंजान ई-मेल में आए अटैचमेंट्स को कभी खोल कर न देखें या उस पर मौजूद लिंक पर क्लिक न करें।
– आकर्षक गिफ्ट या इनाम के झांसे में आकर अपनी निजी जानकारी, बैंक अकाउंट नंबर या बैंक से संबंधित कोई भी जानकारी न दें। यह भी पढ़ें:
एटीएम कार्ड क्लोन कर शातिर उड़ा रहे खाते से सारी रकम, आप भी रहें सावधान