साइबर थाना प्रभारी उपेंद्र कुमार मंडल ने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है। संभावना है कि धोखाधड़ी करने वालों ने एटीएम में क्लोन डिवाइस लगाकर शिकायतकर्ता के कार्ड का क्लोन तैयार किया और फिर उससे पैसे निकाल लिए। रामावारापू रवि ने शिकायत में बताया 11 सितंबर को दोपहर डेढ़ बजे सोनारी कागलनगर में एटीएम से रुपये की निकासी की। इसके बाद कुछ समय बाद रांची से दो लाख 636 रुपये की निकासी किए जाने का मैसेज आया तब उन्हे इस घटना का पता चला।
कैसे देते हैं कार्ड क्लोनिंग को अंजाम: कार्ड धारक को जानकारी न हो इसके लिए स्कैनिंग स्लॉट वाली डिवाइस का इस्तेमाल किया जाता है। ये मशीन PoS मशीनों की जैसी दिखती है, जिसकी वजह से कार्ड होल्डर को भनक नहीं लगती और सेंध लग जाता है। फ्रॉड करने वाले डिवाइस के जरिए ग्राहकों के क्रेडिट-डेबिट कार्ड स्वाइप करते हैं। फ्रॉड के लिए इस्तेमाल की जाने वाली इन मशीनों में ऐसे सॉफ्टवेयर होते हैं, जिसमें 3 हजार कार्ड तक की जानकारी रखी जा सकती है।
कैसे करें बचाव: मालूम हो कि केंद्रीय बैंक RBI ने मैगस्ट्रिप कार्ड की जगह EMV चिप-बेस्ड कार्ड का उपयोग करना अनिवार्य कर दिया है। ईएमवी कार्ड में माइक्रोचिप्स होती है। जब कोई इस कार्ड को स्कैन करने की कोशिश करता है तो सिर्फ एन्क्रिप्टेड जानकारी ही मिलती है।
सार्वजनिक स्थान पर कार्ड का इस्तेमाल करते वक्त यह सुनिश्चित कर लें कि कैमरे तो नहीं लगा है, ताकि आपका कार्ड नंबर और कार्ड की अन्य जानकारी आदि किसी और के पास न जाने पाए। जब कभी भी पीओएस मशीनों में कार्ड पिन दर्ज करें उसे अपने हाथ से कवर करना चाहिए।
अगर आप रेस्टोरेंट, पेट्रोल पंप या अन्य किसी जगह पर पीओएस मशीन से कार्ड स्वाइप कर रहे हैं तो मशीन को ठीक से देख लें। अगर मशीन सामान्य से अधिक भारी है तो किसी और तरह से पेमेंट करने पर विचार कीजिए।