इस मामले में फैसला आने के बाद निकिता की मां ने कोर्ट के फैसले से असहमति जाहिर करते हुए कहा कि वे इससे संतुष्ट नहीं हैं, अब उपरी अदालत में अपील करेंगे। निकिता की मां ने कहा कि दोषियों को जबतक फांसी नहीं दी जाती है तब तक वह शांत नहीं रहेंगी।
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इधर, कोर्ट में बहस के दौरान अभियोजन पक्ष ने आरोपियों को फांसी की सजा दिए जाने की मांग की, लेकिन बचाव पक्ष ने दलील दी कि दोषी मेडिकल के छात्र हैं और इससे पहले इनका कोई भी आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। लिहाजा, इस बात को ध्यान में रखते हुए कोर्ट इन्हें सजा दे।
बता दें कि शुक्रवार की सुबह दोनों दोषियों को कोर्ट में पेश किया गया, जिसके बाद कार्रवाई शुरू हुई और पूरी बहस के बाद दोपहर साढ़े तीन बजे सजा का ऐलान किया गया। इससे पहले इस मामले में तौसीफ और रेहान के अलावा अजरुद्दीन नाम के एक अन्य शख्स पर आरोप था। लेकिन इनपर आरोप सिद्ध नहीं हो पाने के कारण छोड़ दिया गया था।
बता दें कि अदालत के फैसले को लेकर हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि वे इसकी समीक्षा कर रहे हैं। सरकार दोषियों के मौत की सजा की मांग को लेकर हाईकोर्ट में अपील करेगी।
क्या है पूरा मामला?
आपको बता दें कि पिछले साल 26 अक्टूबर को हरियाणा के फरीदाबाद के बल्लभगढ़ में निकिता तोमर की कॉलेज के बाहर गोलीमारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में 55 गवाह पेश किए, जिसमें से सिर्फ दो गवाह बचाव पक्ष के थे। इसके बाद फास्टट्रैक कोर्ट में इस केस की सुनवाई शुरू हुई।
इस साल 24 मार्च (बुधवार) को कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। कोर्ट ने सुनवाई शुरू करने के 15 मिनट के भीतर दोनों आरोपियों को दोषी करार दे दिया। हालांकि अब सबसे बड़ी बात ये है फैसला सुनाने वाले जज का ट्रांसफर कर दिया गया है। जानकारी के मुताबिक, हरियाणा सरकार ने इस मामले में फैसला सुनाने वाले अतिरिक्त जिला और सेशन जज सरताज बसवाना का ट्रांसफर रेवाड़ी कर दिया है।