इस वजह से थे ज्यादा जवान
जवानों की संख्या को लेकर अधिकारियों ने बताया कि राजमार्ग पर पिछले दो-तीन दिन से खराब मौसम और प्रशासनिक कारणों की वजह से कोई आवाजाही नहीं हो रही थी। ऐसे में घाटी लौट रहे काफिले में जवानों की संख्या एक हजार से बढ़कर 2547 रही।
सीआरपीएफ के महानिदेशक आरआर भटनागर ने बताया, काफिला जम्मू से तड़के साढ़े तीन बजे चला था और माना जा रहा था कि इसे सूर्यास्त तक श्रीनगर पहुंचना था।
आपको बता दें कि गुरुवार को पुलवामा में अवन्तीपुरा के गोरीपुरा इलाके में गुरुवार को सीआरपीएफ के काफिले पर बड़ा फिदायीन हमला हुआ। हमले में 44 जवानों की जान अब तक जा चुकी है, कई जवानों की हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है। कई दर्जन जवान घायल बताए जा रहे हैं। जिस काफिले पर हमला हुआ, उसमें 2500 जवान शामिल थे। जैश-ए-मोहम्मद ने हमले की जिम्मेदारी ली है। जैश का आतंकी आदिल अहमद उर्फ वकास कमांडो विस्फोटकों से भरी गाड़ी लेकर जवानों की बस से टकरा गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति और देश के दूसरे नेताओं ने इस हमले की निंदा की है। राहुल गांधी ने इस हमले को कायराना बताया है। ममता बनर्जी और जयंत चौधरी ने हमले को आतंकियों की ओछी हरकत करार दिया है। महबूबा मुफ्ती ने कहा, मेरे पास इस हमले की निंदा करने के लिए पर्याप्त शब्द नहीं हैं।
उधर..उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, घायलों के साथ मेरी संवेदना है, कड़े शब्दों में निंदा करता हूं। जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने आतंकियों की हताशा करार दिया है। आतंक के लिए जिम्मेदार लोग जम्मू-कश्मीर में अपनी मौजूदगी दिखाना चाहते हैं और वे हताश हैं वे ऐसे हमलों से अपनी मौजूदगी साबित करना चाहते है।