मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गणेशखिंड रोड स्थित बैंक के मुख्यालय के एक अधिकारी सुहास गोखले ने मामले की जानकारी होने के बाद चतुश्रुंगी पुलिस थाने में सोमवार की रात यह शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में लिखा गया है कि 11 अगस्त को अज्ञात हैकर्स ने एटीएम (स्विच) सर्वर में मैलवेयर के जरिये हमला करके बैंक के वीजा और रूपे कार्ड ग्राहकों की जानकारी चुरा ली। इसके बाद साइबर अपराधियों ने 14,949 ग्राहकों के 80 करोड़ रुपये निकाल लिए।
चतुश्रुंगी पुलिस के एक अधिकारी के मुताबिक, “इनमें से 12 हजार लेनदेन वीजा कार्ड्स के जरिये किए गए और 78 करोड़ रुपये देश से बाहर भेज ट्रांसफर कर दिए गए जबकि रूपे कार्ड के जरिये 2,849 लेनदेन कर देश के भीतर 2 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिए गए।”
पुलिस का कहना है कि 13 अगस्त को हैकर्स ने कॉसमॉस बैंक में स्विफ्ट ट्रांजैक्शन सिस्टम के जरिये हांगकांग की एक बैंक के खाते में 13.94 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिए। दो दिन में बैंक के 94 करोड़ रुपये चले गए। इंफॉर्मेशन एंड टेक्नोलॉजी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है और जांच जारी है।
हैकर्स ने कॉसमॉस बैंक के खाताधारकों के हजारों कार्ड के क्लोन बना लिए और इतनी बड़ी रकम हथिया ली। बैंक के अधिकारी के मुताबिक शुरुआती जांच में हैकिंग की यह वारदात कनाडा में किए जाने का पता चला है। बैंक के निदेशक कृष्णकुमार गोयल ने कहा, “हमनें शिकायत दर्ज करा दी है और आरबीआई व नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया की मदद ले रहे हैं ताकि मामले में क्या किया जा सकता है, पता चले।”
उन्होंने यह भी जानकारी दी कि इससे किसी भी ग्राहक को सीधा प्रभाव नहीं पड़ा है क्योंकि यह रकम एक पूल अकाउंट से निकाली गई। उन्होंने कहा कि हैकर्स ने एनपीसीआई के समानांतर एक सिस्टम डिजाइन कर दिया और इन लेनदेन को स्वीकृति दे दी। बैंक ने अब सर्वर बंद कर दिए हैं और इंटरनेट बैंकिंग से होने वाले लेनदेन पर रोक लगा दी है।