मुंबई। दुष्कर्म के एक मामले में आरोपी को दांत के निशान के आधार सजा दी गई। बेहद अनूठे इस मामले में खास वैज्ञानिक तरीके से सबूत जुटाकर 45 वर्षीय व्यक्ति को 6 साल की बच्ची से दुष्कर्म जैसे घिनौने गुनाह के लिए 20 साल की सजा सुनाई गई। स्पेशल कोर्ट ने पॉक्सो एक्ट के तहत श्रीनिवास सरयाडू को दोषी ठहराया। दरअसल, पीडि़त मासूम अपनी दादी के लिए पान लेने घर से बाहर गई थी, तभी दोषी शख्स ने उसे किडनैप कर उससे दुष्कर्म किया और मारपीट की थी। वारदात के वक्त दोषी ने अपना चेहरा छिपाया हुआ था। इसके चलते पीडि़त बच्ची उसकी पहचान नहीं कर पाई थी।
यह था मामला
पीडि़त बच्ची को चार जुलाई 2014 को उसके पिता ने ऑफिस जाने से पहले उसे दादी के घर छोड़ा था। लडक़ी के माता-पिता के बीच तलाक हो चुका था और वह अपने भाई-बहन व साथ पिता के साथ रहती थी। उसके पिता ने कोर्ट को बताया कि रात को 9 बजे के करीब जब वह अपनी बेटी को लेने के लिए घर आए तो उन्हें बताया कि वह बाहर गई थी और फिर घर नहीं लौटी। उन्होंने मेघवाड़ी पुलिस थाने में इस संबंध में एक एफआईआर दर्ज कराई। अगली सुबह एक महिला को वह बच्ची मिली। बच्ची के होठ सूजे हुए थे और उनसे खून आ रहा था। जानकारी के बाद पुलिस आई और कपड़े पहनाकर बच्ची को ट्रॉमा सेंटर ले गई, जहां पर उसका मेडिकल कराया गया। जहां उसने अपने साथ हुई वारदात की जानकारी दी। बच्ची ने कोर्ट में अपने बयान में कहा कि अंकल (सरयाडू) ने उसे पान की दुकान के पास से उसे जंगल में ले गए। उसके साथ मारपीट की और दुष्कर्म किया। उसने बताया कि सरयाडू ने गला दबाकर उसे पानी में फेक दिया था।
ऐसे हुई पहचान
कोर्ट ने कहा कि डॉक्टर ने कंप्यूटर आधारित तुलनात्मक तकनीक का इस्तेमाल किया। उन्होंने पाया कि पीडि़ता के होठों पर काटने के जो निशान हैं वह सरयाडू के दांतों की बनावट से मिलते हैं। खास बात यह है कि हर व्यक्तिके दांतों की बनावट अलग होती है और यह किसी से भी मिलती नहीं है।
ये है फोरेंसिक ओडोंटोलॉजी
जिस तौर-तरीके से पुलिस उसे दोषी ठहराने में कामयाब हुई है, उसे फोरेंसिक ओडोंटोलॉजी कहते हैं। इस रिपोर्ट को जिस डॉक्टर ने तैयार किया है वह राज्य के इकलौते और देश के दो ओडोंटोलॉजिस्ट में से एक हैं।
Home / Crime / देश का अनूठा मामला, दांत के निशान के आधार पर दुष्कर्मी को जेल