रिपोर्ट्स के मुताबिक, अपने प्रमोशन के लिए देविंदर सिंह जम्मू-कश्मीर केंद्रशासित प्रदेश के पहले लेफ्टिनेंट गवर्नर गिरीश चंद्र मुर्मू ( Girish Chandra Murmu ) से भी बात की थी। LG से मिलकर उसने कहा था कि जान की बाजी लगाकर उसने देश की सेवा की है और वो सच्चा देशभक्त है। लिहाजा, उसे प्रमोशन मिलनी चाहिए। एक मीडिया हाउस के अनुसार, एंटी हाईजैकिंग स्कॉड के सदस्य होने के चलते दविंदर सिंह श्रीनगर के एयरपोर्ट पर तैनात था। यही पर मौका पाकर उसने एक दिन गिरीश चंद्र मुर्मू से मुलाकात की। बताया जा रहा है कि देविंदर सिंह ने मुर्मू को बताया कि वह फिलहाल डीएसपी है और उसे अब प्रमोशन मिलनी चाहिए।
रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि देविंदर सिंह की फाइल अचानक तेजी से आगे बढ़ने लगी और जल्द ही वह प्रमोट होकर SP बनने वाला था। लेकिन, आतंकियों के पकड़े जाने के साथ ही उसके मंसूबे पर पानी फिर गया और उसकी काली करतूत सबसे सामने आ गई। कहा यहां तक जा रहा है कि दिसंबर में मुर्मू जम्मू-कश्मीर आए थे। LG मुर्मू को रीसिव और सी ऑफ करने की जिम्मेदारी देविंदर सिंह को दी गई थी। इसी मौके का फायदा उठाकर देविंदर सिंह ने LG से मुलाकात की और अपने बारे में जानकारी दी। उसने कहा कि वह स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप में शामिल रहा है और उसने कई एंटी टेरर ऑपरेशन को अंजाम दिया है। उसका कहना था कि उसके कई ऑपरेशन कामयाब रहे। उसने कहा कि वह सच्चा देशभक्त है और उसे प्रमोशन मिलनी चाहिए। फिलहाल, NIA पूरे मामले की छानबीन कर रही है और इस केस में अब तक कई चौंकाने वाले खुलासे हो चुके हैं।