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उदयपुर

सोहराबुद्दीन-तुलसी एनकाउंटर केस में अब हुआ ये बड़़ा़ खुलासा, बड़़े़े रसूखदारों के बरी होते ही आया इनका नम्‍बर..

विरोध के बावजूद सीबीआई ने पेश की चार्ज शीट , कुछ अधीनस्थ पुलिसकर्मियों की याचिकाएं अभी लम्बित

उदयपुरOct 25, 2017 / 01:42 pm

Mohammed illiyas

sohrabbudin encounter case
उदयपुर . बहुचर्चित सोहराबुद्दीन-तुलसी एनकाउंटर प्रकरण में सीबीआई ने मंगलवार को नियत पेशी पर मुंबई सेशन कोर्ट में ड्राफ्ट चार्ज शीट पेश की, जबकि पेशी पर आरोपित बनाए गए कुछ अधीनस्थ पुलिसकर्मी मौजूद ही नहीं थे। कुछ अधीनस्थ पुलिसकर्मियों की हाईकोर्ट व ट्रॉयल कोर्ट में याचिकाएं अभी लंबित चल रही हैं। अदालत में मौजूद कुछ अधीनस्थ पुलिसकर्मियों ने इसका विरोध भी किया लेकिन सीबीआई ने उनकी एक नहीं सुनी। अब सुनवाई के लिए सीबीआई न्यायालय में गवाहों की सूची पेश करेगी। मामले की मुम्बई सेशन कोर्ट में मंगलवार को पेशी की तारीख थी। पेशी पर आरोपी बनाए गए कुछ अधीनस्थ पुलिसकर्मियों को छोडकऱ अन्य आरोपी कोर्ट में मौजूद थे, तभी सीबीआई ने कुछ पुलिसकर्मियों को जबरन ड्राफ्ट चार्ज शीट थमाई।

साथ ही कोर्ट को अवगत करवा दिया कि ड्राफ्ट चार्ज शीट सभी आरोपितों को दे दी है, सभी ने स्वीकार कर ली। ऐसे में चार्ज शीट पेश करने की कार्रवाई शुरू कर सकते हैं। इस पर कोर्ट में मौजूद कुछ अधीनस्थ पुलिसकर्मी ने विरोध कर न्यायालय से आग्रह किया कि उनकी डिस्चार्ज एप्लीकेशन हाईकोर्ट में अभी लम्बित है। न्यायालय ने उन्हें चार्ज फे्रम की कार्रवाई से अलग कर शेष आरोपित अधीनस्थ पुलिसकर्मियों के चार्ज शीट पेश कर दी।
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बड़े रसूखदारों के बरी होते ही चार्ज फ्रेम
सीबीआई ने मामले में गुजरात के तत्कालीन गृहराज्य मंत्री व भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह , राजस्थान के गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया, मार्बल व्यवसायी विमल पाटनी, गुजरात के तत्कालीन आईपीएस डीजी बंजारा, तत्कालीन डीजीपी डीसी पांडे, वर्तमान डीजीपी गीता जौहरी, आंध्रप्रदेश के आईजी सुब्रमण्यम, गुजरात के आईपीएस राजकुमार पांड्यन, ओपी माथुर, चूडाश्मा, नरेन्द्र अमीन व अन्य को मुख्य आरोपी और षड्यंत्रकारी माना था। इन सभी के बरी होने के बाद 12 साल के बाद सीबीआई ने न्यायालय में चार्ज फे्रम कर दिया।
कॉपी दिए बगैर चार्जशीट पेश
अधीनस्थ पुलिसकर्मियों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना में ट्रायल कोर्ट में याचिका लगाकर निवेदन किया था कि मामले की सीआईडी द्वारा पेश की गई दो मुख्य चार्जशीट सहित कुल पांच चार्जशीट गुजराती भाषा में है। इसकी अंग्रेजी,मराठी भाषा में अनुवादित कॉपी उन्हें उपलब्ध करवाई जाए। ये सभी याचिकाएं लंबित होने के बावजूद आरोपी बनाए गए पुलिसकर्मियों को चार्जशीट की कॉपी दिए बगैर ही इन्हें पेश कर दिया गया।
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