पीठ ने कहा, सुनवाई के दौरान कार्ति के वकील ने कहा कि प्रतिवादी जांच अधिकारी के समक्ष पेश होने के लिए तैयार है। इसलिए हम प्रतिवादी (कार्ति) को निर्देश देते हैं कि वह 23 अगस्त को नई दिल्ली में केन्द्रीय जांच ब्यूरो के मुख्यालय में जांच अधिकारी के समक्ष पेश हों। न्यायालय ने जांच ब्यूरो को 28 अगस्त तक जितने भी दिन चाहे कार्ति से पूछताछ करने की छूट प्रदान की है। इस मामले में अब 28 अगस्त को आगे सुनवाई होगी।
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कार्ति से कहा कि वह सीबीआई की प्राथिमकी में लगाए गए आरोपों के खिलाफ अपने बचाव के लिए सभी जरूरी दस्तावेज लेकर जाएं। हालांकि, पीठ ने स्पष्ट किया कि कार्ति के साथ जांच ब्यूरो के जांचकर्ताओं के पूछताछ के दौरान उसके साथ जाने वाले वकील बगल वाले कक्ष में बैठेंगे। न्यायालय ने जांच ब्यूरो और कार्ति को निर्देश दिया कि वे जांच तथा इस मामले के दूसरे पहलुओं के बारे में अपनी रिपोर्ट भी सुनवाई की अगली तारीख पर दाखिल करें।
शीर्ष अदालत ने 14 अगस्त को कहा था कि कार्ति को भ्रष्टाचार के मामले में जांच के लिए खुद पेश हुए बिना भारत से बाहर जाने की इजाजत नहीं दी जायेगी। शीर्ष अदालत ने कार्ति के खिलाफ केन्द्र के ‘लुकआउट सर्कुलर’ पर रोक लगाने के मद्रास उच्च न्यायालय के 10 अगस्त के आदेश पर रोक लगा दी थी और जानना चाहा था कि वह जांच ब्यूरो के समक्ष पूछताछ के लिए कब पेश होंगे। जांच ब्यूरो द्वारा दिल्ली में 15 मई को विशेष सीबीआई अदालत में दर्ज मामला आईएनएक्स मीडिया को 2007 में करीब 305 करोड रूपए का विदेश से धन प्राप्त करने के लिए विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड की मंजूरी में कथित अनियमित्ताओं से संबंधित है। उस समय कार्ति के पिता केन्द्रीय वित्त मंत्री थे। यह मामला दर्ज होने के बाद 16 मई को कार्ति और उसके दोस्तों के घरों तथा कार्यालयों की तलाशी भी ली गयी थी। जांच ब्यूरो का दावा है कि इस मीडिया घराने के एफडीआई प्रस्ताव को चिदंबरम ने गलत तरीके से मंजूरी दी थी।