क्राइम

तेलंगाना सरकार ने नहीं निभाया अपना वादा, मायूस युवक ने किया आत्मदाह का प्रयास

तेलंगाना सरकार द्वारा विधानसभा भंग किए जाने की सूचना के बाद बृहस्पतिवार को राज भवन के पास एक युवक ने आत्मदाह की कोशिश की।

फाइल फोटो

हैदराबाद। तेलंगाना सरकार द्वारा विधानसभा भंग किए जाने की सूचना के बाद बृहस्पतिवार को राज भवन के पास एक युवक ने आत्मदाह की कोशिश की। सरकार पर बेरोजगार युवाओं को रोजगार मुहैया कराने के चुनावी वादे को पूरा न करने से दुखी एक युवक ने खुद पर मिट्टी का तेल छिड़ककर आग लगा ली औऱ जान देने की कोशिश की।
पुलिस की मानें तो आत्मदाह की कोशिश करने वाले युवक की पहचान 28 वर्षीय ईश्वर के रूप में हुई है। ईश्वर नलगोंडा जिले का रहने वाला है और जैसे ही उसने अपने शरीर पर मिट्टी का तेल डाला, उसे तुरंत हिरासत में ले लिया गया। पुलिस पूछताछ में ईश्वर ने बताया कि वो ग्रेजुएट डिग्री होल्डर होने के बावजूद बेरोजगार है। उसने टीआरएस सरकार को खरी-खोटी सुनाते हुए बताया कि अपने चुनावी वादे को पूरा करने से पहले ही उन्होंने विधानसभा भंग कर दी। चुनाव में उन्होंने वादा किया था कि वो लाखों बेरोजगार युवाओं को रोजगार मुहैया कराएंगे।
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पुलिस के मुताबिक ईश्वर ने कबूला कि बेरोजगारी की वजह से उसे यह कदम उठाने का मजबूर होना पड़ा। गौरतलब है कि
तेलंगाना के राजनीतिक भविष्य पर बीते 15 दिनों से मची कसमकस बृहस्पतिवार सुबह मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के उस ऐलान के साथ ही खत्म हो गई, जिसमें उन्होंने सबसे बड़ा राजनीतिक चाल चलते हुए राज्यपाल से तेलंगाना विधानसभा को भंग करने की अनुशंसा की। इसके साथ राव ने राज्यपाल ई.एस.एन नरसिम्हन से मुलाकात कर अपना इस्तीफा भी सौंप दिया। राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने राव का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है और उनसे कार्यवाहक मुख्यमंत्री बने रहने के लिए कहा है।
 

राज्यपाल से मुलाकात के थोड़ी देर बाद केसीआर पार्टी मुख्यालय तेलंगाना भवन पहुंचे और एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। यहां केसीआर ने कैबिनेट के फैसले की आधिकारिक घोषणा की और आगामी विधानसभा चुनावों के लिए टीआरएस के 105 उम्मीदवारों की पहली सूची की भी जारी कर दी। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले तेलंगाना में कई मुद्दे थे, जैसे कि बम विस्फोट, बिजली के मुद्दे, सांप्रदायिक हिंसा, लेकिन अब हम इन सब से मुक्त हैं। मैं कांग्रेस नेताओं से कहना चाहूंगा कि आएं और यहां चुनाव लड़कर दिखाएं ताकि जनता उन्हें जवाब दे।
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दरअसल तेलंगाना विधानसभा का कार्यकाल मई 2019 तक है और चुनाव सामान्य तौर पर लोकसभा चुनाव के साथ आयोजित किए जाने की अटकलें लगाई जा रही थीं, लेकिन सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ नहीं चाह रही थी। केसीआर चाहते हैं कि साल के अंत में 4 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के साथ उनके राज्य में भी चुनाव कराए जाएं। जिसके लिए विधानसभा भंग करने का फैसला लिया गया है।
बता दें कि आगामी लोकसभा चुनावों के बाद विधानसभा के चुनाव कराए जाने का प्रस्ताव है। 2019 लोकसभा चुनावों पर सभी राजनैतिक पार्टियों की नजर है। कहा जा रहा है कि सीएम चंद्रशेखर राव वक्त से पहले चुनाव करवाकर आम चुनाव से पहले अपने राज्य में लोगों का मूड भांपना चाहते हैं, वह चाहते हैं लोकसभा चुनाव के दौरान स्थानीय मुद्दे हावी न रहें।

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