पुलिस के अनुसार सेन्ट्रल जेल के मुख्य प्रहरी भागीरथ सिंह ने रिपोर्ट दी कि वह 15 अप्रेल सुबह 10 से शाम 6 बजे तक कारागृह में वार्ड नंबर 14 पर ड्यूटी थी। दोपहर 1 बजे वार्ड में गश्त के दौरान बैरक संख्या 3 में बंदी मनीष कटारिया ने उसे देख कुछ छुपाने की कोशिश की। उसने बैरिक खोलकर तलाशी लेना चाहा तो उसने विरोध करते हुए अभद्रता की और संदिग्ध वस्तु निगल ली। उसे बैरक से बाहर निकालकर कार्यालय की तरफ ला रहा था, तभी बंदी मनीष ने हाथापाई शुरू कर दी। उसकी वर्दी फाड़ते हुए विसिल डोरी तोड़ दी। डबल इंचार्ज विक्रमसिंह ने बीच-बचाव कर कार्यालय लेकर आए।
खुदको किया चोटिल
भागीरथ ने रिपोर्ट में बताया कि मनीष ने उसे जान से मारने व परिवार को नुकसान की धमकी दी। कारापाल प्रबंधक कार्यालय में मुख्य प्रहरी सुमेर सिंह ने मनीष को सुनने के बाद उससे पूछा। तब मनीष ने अभद्रता करते हुए स्वयं को चोटिल कर उसे जान से मारने की धमकी दी। सूचना पर जेल अधीक्षक आर. अनंतेश्वर, कारापाल सद्दाम हुसैन पहुंचे।
इनका कहना है…
संदेह पर जेल प्रहरी ने तलाशी ली तो विचाराधीन बंदी ने अभद्रता व हमला करते हुए वर्दी फाड़ दी। उसने खुद को क्षति पहुंचाने का प्रयास किया। विचाराधीन बंदी के खिलाफ सिविल लाइन थाने में राजकार्य में बाधा का मुकदमा दर्ज कराया है। आर. अनंतेश्वर, अधीक्षक, सेन्ट्रल जेल