भोपाल । मध्य प्रदेश में बहुचर्चित
व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले से जुड़े लोगों की मौत का सिलसिला जारी
है। कांग्रेस का आरोप है कि अभी तक इस घोटाले से जुड़े 48 लोगों की मौत हो चुकी है।
इसके अलावा कांग्रेस पार्टी ने इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से
कराए जाने की मांग पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह द्वारा असहमति जताने पर उनकी आलोचना
की है।
कांग्रेस की राज्य इकाई के मुख्य प्रवक्ता के. के. मिश्रा ने रविवार
को पत्रकार वार्ता में कहा कि राज्य में व्यापमं मामले से जुड़े लोगों की लगातार
मौत हो रही है। इस सूची में नया नाम जबलपुर चिकित्सा महाविद्यालय के अधिष्ठता (डीन)
डॉ. अरूण शर्मा का जुड़ गया है। वे रविवार को दिल्ली के एक होटल में संदिग्ध हालात
में मृत मिले। उन्होंने दो दिन पहले ही व्यापमं की जांच कर रही एस आईटी को
महत्वपूर्ण दस्तावेज सौंपे थे।
उन्होंने शर्मा के परिजनों का हवाला देते हुए
कहा कि डॉ शर्मा को कोई बीमारी नहीं थी और वे स्वस्थ थे। उनकी मौत पूरी तरह संदिग्ध
है। वहीं अरूण शर्मा के बेंगलुरू में रहने वाले भाई डॉ. देवल शर्मा ने दिल्ली पुलिस
से आग्रह किया है कि उनके शव से तब तक कोई छेड़छाड़ न की जाए जब तक वे नहीं पहुंच
जाते। कांग्रेस नेता ने टीवी पत्रकार अक्षय सिंह की व्यापमं घोटाले के क वरेज के
दौरान झाबुआ में हुई मौत पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि मुझे बताया गया है कि
अक्षय सिंह ठीक थे, वे कुछ दस्तावेज की फोटो कॉपी कराकर लौटे थे, तभी उनकी तबियत
बिगड़ी, मुंह से झाग निकला और उनकी मौत हो गई।
अक्षय की मौत का कारण हार्ट
अटैक बताया जा रहा है, लेकिन मिश्रा का दावा है कि हार्टअटैक में मुंह से झाग नहीं
आता। उन्होंने आरोप लगाया कि व्यापमं घोटाले में मुख्यमंत्री, उनका परिवार,
राज्यपाल से लेकर सरकार के कई मंत्री और नौकरशाह शामिल हैं। यही कारण है कि इस
मामले को सीबीआई को सौंपने से सरकार कतरा रही है।
मिश्रा ने कहा कि
मुख्यमंत्री का अब खुले तौर पर सीबीआई जांच की सिफारिश से इंकार करना उनके अपराध
बोध को जाहिर करता है। ज्ञात हो कि राज्य में इंजीनियरिंग कालेज, मेडीकल कॉलेज में
दाखिले से लेकर विभिन्न विभाग की भर्तियों की परीक्षा व्यापमं आयोजित कराता है। इन
दाखिलों और भर्तियों में हुई गड़बड़ी का खुलासा होने के बाद जुलाई 2013 में पुलिस
में प्राथमिकी दर्ज क राई गई थी। इस मामले में पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा से
लेकर व्यापमं के पूर्व नियंत्रक पंकज त्रिवेदी सहित वरिष्ठ अधिकारी व राजनीतिक दलों
से जुडे लोग जेल में है। राज्यपाल रामनरेश यादव पर भी सिफारिश करने का प्रकरण दर्ज
है।
व्यापमं घोटाले की लिए उच्च न्यायालय के निर्देश पर गठित एस आईटी की
देखरेख में एसटीएफ जांच कर रही है। इस मामले में आरोपी बनाए गए लोगों में से कई की
मौत हो चुकी है। कांग्रेस के मुताबिक इस मामले में अभी तक 48 लोगों की मौत हो चुकी
है। वहीं सरकार के मुताबिक मृतकों की संख्या 25 है जिनमें से 11 लोगों की प्रकरण
दर्ज होने से पहले ही मौत हो चुकी थी, जबकि एसआईटी के अनुसार मृतकों की संख्या 33
है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस पूरे घोटाले से मुख्यमंत्री की पत्नी साधना सिंह का
सीधा नाता है। उनकी आरोपियों से सीधे फोन पर बात होती रही है, मिश्रा ने वह मोबाइल
नंबर भी जारी किया जो साधना सिंह का बताया गया है। साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री के
प्रमुख सचिव पर भी आरोप लगाए है।
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