घटना कलेक्शन पॉइंड से कुछ दूरी पर हुई। जहां मालिक अपने सांडों को अखाड़ा पार करने के बाद वापस ले जा रहे थे। वहीं मुख्यमंत्री ई पलानीसामी का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देष के मुताबिक सुरक्षा के सभी मानदंडों पर अमल कर रहा है। सांड मालिकों के लिए भी अपने सांडों को पकड़ना मुश्किल हो जाता है, जब वे (सांड) दर्शकों की ओर जाते हैं। पुलिस का कहना है कि सुरक्षा के लहजे से सांडों को पकड़ने के लिए नेट और किसी अन्य तरीके का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
आपको बता दें साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने सांडों के साथ क्रूरता और दर्शकों की सुरक्षा का हवाला देते हुए जल्लीकट्टू पर प्रतिबंध लगा दिया था। बीते दो दशकों में ऐसे आयोजनों में 200 लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि तमिलनाडु सरकार ने 2017 में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के बाद अध्यादेश अपनाकर प्रतिबंध हटाने का मार्ग प्रशस्त कर लिया। वहीं कार्यकर्ता अभी भी जल्लीकट्टू पर प्रतिबंध लगाने के लिए कैंपेन कर रहे हैं।