इस दौरान कलेक्टर ने पंचायत सचिव को निर्देशित किया वह गांवों में कराए जाने वाले निर्माण कार्यों में जॉब कार्डधारी मजदूरों की संख्या को बढ़ाएं। इस दौरान उन्होंने पंचायत सचिव व रोजगार सहायक मनरेगा मजदूरों का मस्टर रिकॉर्ड मांगा जो वह मौके पर उपलब्ध नहीं करा सके। उन्होंने रोजगार सहायक को निर्देशित किया वह अगली बार पूरे मनरेगा मजदूरों के पूरे रिकॉर्डसहित उपिस्थत रहे। अन्यथा कार्रवाई के लिए तैयार रहें।
निरीक्षण के दौरान कलेक्टर सबसे पहले ग्राम पंचायत गोहिंदा पहुंचे। जहां उन्होंने गांव में पंचायत द्वारा 15 लाख रुपए की लागत से बनवाए गए तालाब का निरीक्षण किया। इसके साथ ही उन्होंने ग्राम पंचायत सांखनी में 24 लाख रुपए की लागत से बनवाए गए तालाब का निरीक्षण किया और उसका गहरीकरण कराने के लिए निर्देश दिए।
निरीक्षण के दौरान जिला पंचायत सीईओ शिवम वर्मा, एसडीएम केके सिंह गौर, एसडीओपी शैलेन्द्र सिंह जादौन, तहसीलदार कुलदीप दुबे, नायब तहसीलदार कमल सिंह कोली, जनपद पंचायत सीईओ अशोक शर्मा, नगर परिषद सीएमओ सतीश कुमार दुबे, मनरेगा एई व्हीके मिश्रा सहित अन्य अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे।
मनरेगा मजदूरों की कम संख्या देख हुए नाराज – कलेक्टर ने ग्राम पंचायत गोहिंदा में पंचायत सचिव व रोजगार सहायक से मनरेगा के जॉब कार्डधारी मजदूरों की जानकारी ली। मनरेगा के तहत काम कर रहे मजदूरों की कम संख्या को देखकर उन्होंने नाराजगी व्यक्त की और कहा कि इतने कम मजदूरों से काम क्यों कराया जा रहा है। बाकी मजदूरों को काम क्यों नहीं लिया जा रहा है। ऐसा तो नहीं कि आप फर्जी बिल पास करा रहे हैं। मौके पर रिकॉर्ड नहीं दिखाने पर उन्होंने पंचायत सचिव को निर्देशित किया कि वह अगली बार रिकॉर्ड सहित मौजूद रहें।
गोबर गैस प्लांट से करें गोशाला में लाइट की व्यवस्था – निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ग्राम कैरूआ पहुंचे। जहां उन्होंने 27 लाख रुपए की लागत से बनवाई गई गोशाला का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान गोशाला में सभी व्यवस्थाएं दुरूस्त पाई गई। उन्होंने एसडीएम से कहा कि गोशाला में रहने वाले 100-150 गायों के गोबर के निष्पादन के लिए गोशाला में एक गोबर गैस प्लांट लगवाएं। इससे गोशाला में लाइट का इंतजाम हो सकेगा और बिजली का बिल भी बचेगा।