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डबरा

रानीघाटी में तेज बारिश, मस्तूरा का तालाब फूटा

गधौटा -बरगवां मार्ग पर पुलिया पर पानी का सही निकास न होने से भरा पानी, उफान पर आई सूखा नदी
गधौटा और मस्तूरा मौजे में करीब 600 बीघा में खड़ी धान की फसल में भर गया। इसके साथ ही पानी गांव में घरों तक पहुंच गया और वे पानी से घिर गए।

डबराJul 30, 2020 / 11:41 pm

rishi jaiswal

रानीघाटी में तेज बारिश, मस्तूरा का तालाब फूटा

रानीघाटी में तेज बारिश, मस्तूरा का तालाब फूटा

भितरवार/डबरा. रानीघाटी क्षेत्र में बीते दो-तीन दिनों से लगातार बारिश के चलते बारिश का पानी भितरवार के गधौटा-मस्तूरा मौजे में आ गया।
बरसात का पानी आने और ग्राम मस्तूरा में बने तालाब की पार फूट जाने से पूरा क्षेत्र जलमग्न हो गया है। इसके कारण गधौटा और मस्तूरा मौजे में करीब 600 बीघा में खड़ी धान की फसल में भर गया। इसके साथ ही पानी गांव में घरों तक पहुंच गया और वे पानी से घिर गए। गुरुवार की सुबह जानकारी मिलने पर अधिकारियों ने जायजा लेकर पानी निकासी के इंतजाम किए।

रानीघाटी क्षेत्र में तेज बरिश होने के बाद उतार का पूरा पानी गाधौटा, मस्तूरा,मावठा मौजे में आता है। पहले गांव की सडक़ नहीं बनने के कारण रानीघाटी की ओर से आने वाला बरसात का पानी कच्ची सडक़ के ऊपर से होकर निकल जाता था परंतु अब सडक़ लगभग ढाई फीट ऊंची होने के कारण पानी की निकासी नहीं हो पा रही है। हालांकि ठेकेदार ने सडक़ बनाते समय कुलावों में पाइप डाले थे लेकिन वह छोटे होने के कारण पानी नहीं निकल पा रहा है। वहीं बरसात का पानी आने और ग्राम मस्तूरा में बने तालाब की पार फूटने से पूरा क्षेत्र जलमग्न हो गया है।
खेतों में पानी भरने से बर्बाद हो रही धान की फसल को बचाने ग्रामीणों ने एसडीएम अश्विनी कुमार रावत को ज्ञापन दिया था। एसडीएम के निर्देश पर नायब तहसीलदार कमल सिंह कोली, बेलगढ़ा थाना प्रभारी राधेश्याम शर्मा, भाजपा नेता डॉ. दीपक शाक्य तथा भाजपा मंडल मंत्री नरेन्द्र सिंह जाट मौके पर पहुंचे और नुकसान का जायजा लेकर पानी निकासी के काम शुरू कराया।
एक-दो दिन में पानी नहीं निकला तो खेतों में गल जाएगी फसल
खेतों में बरसात और तालाब का पानी भरने से गधौटा और मस्तूरा,मौजे में लगभग 600 बीघा में लगी धान की फसल पानी में डूब गई है। अगर एक-दो दिन में खेतों से पानी नहीं निकल सका तो पूरी फसल गल जाएगी और किसान का खाद-बीज और लागत पानी में बह जाएगी। किसानों का कहना है कि सडक़ बनाते समय हमने कई बार ठेकेदार से कहा कि पानी की निकासी के लिए वह कुलावों में बड़े ढोल डलवाए। परंतु उसने हमारी बात नहीं सुनी। ठेकेदार की मनमानी और प्रशासन की अनदेखी के कारण हमारी खून-पसीने की मेहनत पर पानी फिर रहा है।

उफान पर आई सूखा नदी

अंचल के रानी घाटी क्षेत्र में हो रही बरसात के कारण पहली बार सूखा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। लोगों का कहना है कि यह पहली बार है जब सूखा नदी में इतना पानी चल रहा है। उफान पर चल रही सूखा नदी का पानी इकहरा गांव के घरों तक पहुंच गया है। वहीं किठौंदा-नयागांव के बीच स्थित नाला भी उफान पर चल रहा है। इसके साथ ही ग्राम आदमपुर में मुख्य सडक़ किनारे कुलावे में बड़ा पाइप नहीं डाले जाने के कारण पानी की निकासी नहीं हो पा रही है। मौजे का पूरा पानी सडक़ किनारे खेतों में भर रहा है। खेतों में पानी भर जाने के कारण पूर्व सरपंच रविन्द्र सिंह रावत सहित एक दर्जन ग्रामीणों की लगभग 100 बीघा में धान की फसल पानी में डूब गई है।

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