फिर तो रुक-रुककर कभी तेज तो कभी रिमझिम बारिश का दौर दोपहर से लेकर शाम तक चलता रहा। हालांकि इसके बीच में इतना ब्रेक तो लगता रहा कि जो लोग बारिश के चलते रुक गए, वे अपने गंतव्य तक पहुंच सकें। गुरुवार की देर रात हुई बारिश से ही शहर की गड्ढेदार सडक़ों पर पानी जमा हो गया था, जिसमें शुक्रवार को हुई बारिश के बाद बढ़ोत्तरी हो गई। सडक़ों पर हुए गड्ढों में पानी भर जाने से उनकी गहराई का अंदाजा नहीं लग पाता, जिसके चलते कई दुपहिया वाहन चालकों को परेशानी भी झेलनी पड़ी।
औसत से 36 एमएम बारिश अधिक
शिवपुरी जिले में बारिश का आंकड़ा भी अब बढकऱ 852.32 मिमी तक पहुंच गया है, जो औसत सामान्य बारिश से 36 .02 मिमी अधिक हो गई। हालांकि यह बारिश ताल-तलैया के लिए तो अच्छी है, लेकिन लगातार हो रही बारिश से फसलों को बड़ा नुकसान होने लगा है। जिसके चलते किसान के चेहरे पर चिंता की लकीरें फिर गहरी हो गईं, क्योंकि उड़द, अजवाइन व टमाटर तो बर्बाद हो गया और अब सोयाबीन को खतरा बना हुआ है।