बैठक में विकासखंड की 82 ग्राम पंचायतों में से 25 ग्राम पंचायतों के सचिव व रोजगार सहायक उपस्थित हुए। सीईओ ने बैठक बताया कि सर्वे के दौरान यह भी चिन्हित करें की कौन सा मजदूर अकुशल है और कौन सा कुशल। यदि अकुशल मजदूर है तो उसे मनरेगा के तहत ग्राम पंचायत स्तर पर कार्य दिया जाए और यदि कुशल है तो उसे योग्यता के आधार पर कार्य जाए।
उन्होंने बताया कि विभिन्न राज्यों से लॉकडाउन के कारण घर वापस लौटे मजदूरों को सर्वे के उपरांत शासन की संबल योजना से जोड़कर उनके बच्चों को मुख्यमंत्री कन्यादान विवाह योजना, बिजली, पढ़ाई और अंतिम संस्कार तक का सारा खर्च सरकार द्वारा उठाए जाने का निश्चय किया गया है। इसलिए बाहर के प्रदेशों से लौटे ऐसे मजदूरों के अलावा ग्राम के जो लोग जॉब कार्ड से वंचित रह गए हैं उनका सर्वे रजिस्टर में पंजीयन करें और संपूर्ण जानकारी दर्ज करें।
साथ ही जो मजदूर विभिन्न राज्यों से लौटे हैं उनके पास स्थानीय निवास प्रमाण पत्र है या नहीं, आधार कार्ड के अलावा बैंक पासबुक का भी उल्लेख करें। सर्वे का कार्य 15 जून तक हर हाल में पूर्ण करें। इस दौरान बैठक में उपस्थित मनरेगा एपीओ मुकेश सागर ने जानकारी देते हुए बताया कि श्रम सिद्धि योजना के अंतर्गत जो ग्राम पंचायत सबसे ज्यादा मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराती है तो उसे प्रदेश स्तर से सम्मान राशि देकर सम्मानित किया जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण और हरियाली को बनाए रखने के लिए नंदन फलोद्यान विकसित करें और जिन ग्राम पंचायतों में सार्वजनिक स्थल है वहां पौधारोपण करना सुनिश्चित करें। इस अवसर पर संबंधित ग्राम पंचायतों के उपयंत्री, जनमित्र केंद्र प्रभारी प्रमुख रूप से उपस्थित थे।