भितरवार के मोहनगढ़ के ग्रामीण इसका ताजा उदाहरण हैं। यहां आठ लोग महाराष्ट्र से लौटकर आए तो ग्रामीणों ने पंचायत सचिव के जरिए इनकी जांच कराई लेकिन ग्रामीणों को जब पता चला कि ये लोग वहां कोरोना पॉजीटिव के संपर्क में रहे हैं तो सभी को खेत पर बने कमरों में क्वारंटाइन करवा दिया।
दरअसल ये सभी लोग 4 अप्रैल को ही गांव लौटे थे। तब ग्रामीणों का सूचना पर सचिव ने सभी की जांच कराई थी तो किसी में लक्षण नहीं पाए गए थे।
चीनोर के पथरिया पुरा में भी 30 अदिवासी लोग जो मजदूरी के लिए गए थे वे आगरा से लौटकर आए तो ग्रामीण सक्रीय हो गए और सभी की जांच कराई।
जौरासी में दमोह से लौटकर आए 20 लोग और बिलौआ में राजस्थान से आए 5 लोगों की जानकारी भी ग्रामीणों ने नहीं छिपाई और तत्काल प्रशासन को इसकी जानकारी दी। युवाओं की आपदा प्रबंधन टीम कर रही जागरुक : चिटोली गांव के नौजवानों ने आपदा प्रबंधन टीम बनाकर कोरोना से बचाव का काम शुरू कर दिया है । टीम में शामिल सदस्य गांव में लोगों को मास्क वितरण कर दवा छिड़काव करते हुए गांव को सेनेटाइज कर रहे हैं । टीम चिटोली एवं आसपास के गांवों में असहाय लोगों की मदद करते हुए सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर खेतों पर जाने की सलाह देने के साथ ही सावधानी और बचाव की जानकारी उपलब्ध करा रहे है।
कहां कितने लोग बाहर से आए रई दफाई 17 मारगपुर 52 किठौंदा 09 खोड़ 33 देवरीकलां 09 बनियातोर 08 रमजीपुर 08 जौरासी 26 बिलौआ 05 मोहनगढ़ 08 पथरियापुरा 30 ( ये सभी लोग अप्रैल माह में आए हैं इनकी स्क्रीनिंग हो चुकी है )