पिछले छह दिन पहले टिड्डी दल ने यहां गांवों में दस्तक दी थी तब से लेकर अब तक यह लगातार दिन में उड़ रहा है साथ ही रात को गांवों के पेड़ों पर विश्राम कर रहा है। हालांकि अभी तक इसने कहीं भी मूंग, सब्जी व धान की फसल को नुकसान नहीं पहुंचाया है। फिर भी कृषि विभाग मान रहा है हो सकता है कि यह बिना फसल पर अटैक के बाद ही निकल जाए अगर इसने अटैक किया तो जिन किसानों ने फसल की है उन्हें काफी नुकसान हो सकता है। बनेरी, देवरा, खेडीरायमल, मोहनगढ़, हरसी क्षेत्र में टिड्डी दल की आमद हो चुकी है। अब यह चीनोर क्षेत्र के गांवों में पहुंच गया है। मंगलवार की शाम टिड्डी दल घरसौंदी, सूरजपुर, छिदा, टेकपुर, किशोरगढ़, सालमपुर, भदेश्वर, दौलतपुर, रिझोरा में उड़ता दिखा।
किसान ये करें टिड्डी दल को भगाने के लिए उपायः कृषि अधिकारियों ने बताया कि किसान टिड्डी दल को भगाने के लिए धुंआ, पानी की बौछार कर रहे हैं इससे टिड्डी दल नहीं भगेगा। इसके लिए किसान ढोल की तेज आवाज करें, फटाके चलाएं, थाली या परात आदि बर्तनों की तेज आवाज करें या जहां यह बैठा हो वहीं कीट नाशक का छिड़काव करें जिससे टिड्डी दल भाग जाएगा। पानी की बौछार तब कारगर है जब यह उड़ रहा हो लेकिन जब यह बैठ जाता है तब पानी इसको प्रभावित नहीं करता।
फसल को पहुंचाता है काफी नुकसान
टिड्डी दल जिस खेत में एक साथ बैठ जाता तो पूरी फसल ही खा जाता है केवल तना ही बचता है। इनदिनों सब्जी की फसल, गर्मी की मूंग एवं कुछ क्षेत्रों में धान की फसल और गन्ना खड़ा है। इन फसलों पर अगर यह दल हमला करता है तो इन फसलों को खतरा पैदा हो सकता है। यह दल करीब दो किलोमीटर लंबाई और हजार मीटर चौड़ाई में उड़ता हुआ समूह में चलता है।
अभी भी टिड्डी दल की मौजूदगी गांवों में है। इसे लेकर पूरी तरह से संतर्क हैं ग्रामीणों से संपर्क में हैं। कोटवारों को भी कहा गया है कि जैसे ही किसी गांव में इसकी जानकारी मिले तत्काल कृषि अधिकारियों तक तक पहुंचाए। इसके बैठने पर सूचना मिलते ही अमला पहुंचकर कीटनाशक का छिड़काव करेगा।
बीके मिश्रा, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी, डबरा