scriptरतनगढ़ के जंगल में विचरण करने वाले टाइगर की एक साल से कोई हलचल नहीं | tiger has not stirred in the forest of ratangad for one year | Patrika News
डबरा

रतनगढ़ के जंगल में विचरण करने वाले टाइगर की एक साल से कोई हलचल नहीं

बीते दिनों वनप्राणी की गणना में भी टाइगर का उल्लेख नहीं किया गया। हालांकि सीसीएफ का कहना है कि टाइगर शिवपुरी-गुना के जंगल में दिखा है।

डबराApr 02, 2019 / 06:40 pm

Rahul rai

tiger

रतनगढ़ के जंगल में विचरण करने वाले टाइगर की एक साल से कोई हलचल नहीं

ग्वालियर। रतनगढ़ के जंगल में विचरण करने वाले टाइगर की एक साल से कोई हलचल नहीं है। टाइगर कहां है, किस हाल में है, इसकी जानकारी वन विभाग के अधिकारियों को भी नहीं है। बीते दिनों वनप्राणी की गणना में भी टाइगर का उल्लेख नहीं किया गया। हालांकि सीसीएफ का कहना है कि टाइगर शिवपुरी-गुना के जंगल में दिखा है।
चार साल पहले रणथम्मोर के जंगल से एक टाइगर श्योपुर कूनो होते हुए दतिया के रास्ते रतनगढ़ के जंगल में आया था, जिससे वन विभाग के अधिकारी उत्साहित थे। हर रोज टाइगर की लोकेशन लेकर सीसीएफ कार्यालय से भोपाल अधिकारियों को जानकारी भेजी जाती थी। टाइगर को सुरक्षा देने के लिए वन विभाग द्वारा स्पेशल बजट स्वीकृत किया जाने लगा था।
वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार टाइगर सेंवढ़ा के जंगल से रतनगढ़ के जंगल में देवगढ़ तक विचरण करता है। तीन साल तक जंगल में स्वतंत्र रूप से विचरण करने वाला ये टाइगर एक साल से नजर नहीं आ रहा है। वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा इसकी जानकारी मांगी जाती है, लेकिन स्थानीय अधिकारी कोई जानकारी नहीं दे पा रहे हैं।
सीसीटीवी कैमरे में भी नहीं आया नजर
बीते दिनों वनप्राणी सप्ताह के तहत सेवढ़ा रेंज के जंगल में वन विभाग के अधिकारियों ने सीसीटीवी कैमरे लगवाए, क्योंकि यहां टाइगर ज्यादा समय व्यतीत करता था। लेकिन टाइगर सीसीटीवी कैमरे में नजर नहीं आया है। सेवढ़ा रेंज के अधिकारी तीन महीने में दो बार सर्चिंग अभियान चला चुके हैं, लेकिन टाइगर का पता नहीं चला है।
पानी के स्रोत भी तैयार कराए
सेवढ़ा से लेकर देवगढ़ के किले में टाइगर का मूवमेंट होने को लेकर चार साल पहले फोरेस्ट अफसरों ने पेयजल स्रोत भी तैयार कराए थे। उन्हें डर था कि ङ्क्षसध नदी पर अवैध रूप से रेत खनन माफियाओं द्वारा किया जाता है, ऐसे में टाइगर की सुरक्षा को खतरा है, इसलिए टाइगर को नदी में पानी पीने के लिए न जाना पड़े, उसके लिए रास्ते में ही जगह-जगह सौर ऊर्जा से संचालित पानी के स्रोत बनाए गए थे।

टाइगर कहां है, इसकी जानकारी नहीं दी जा सकती है। रतनगढ़ के जंगल से निकलकर दूसरे क्षेत्र में है।
एचएस मोहंता, सीसीएफ, वन विभाग

Home / Dabra / रतनगढ़ के जंगल में विचरण करने वाले टाइगर की एक साल से कोई हलचल नहीं

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो