नाम का फर्जी इस्तेमाल
शिखा जैन बताती हैं कि फर्जी प्रतियोगिता के आयोजक खिलाडिय़ों और अभिभावकों से कमाई करते हैं। आयोजक मध्यप्रदेश कराते एसोसिएशन और कराते एसोसिएशन ऑफ इंडिया के नाम और मोनो, पदाधिकारी की फोटो का बिना अनुमति उपयोग कर भविष्य की पीढ़ी के खिलाडिय़ों का मनोबल गिराते हैं। जब इन खिलाडिय़ों को वास्तविकता का पता चलता है, तो बहुत देर हो जाती है। हालांकि इस गंभीर विषय पर अब खेल संघों में बहस में छिड़ द्यगई है।
पिछले दिनों इंदौर बैठक में प्रदेश अध्यक्ष चंदुराव शिंदे द्वारा भी ऐसे फर्जीवाड़े की रोकथाम पर जिला स्तर पर जागरुकता अभियान चलाने के लिए निर्देश दिए हैं।
खेलवृत्ति राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में स्वर्ण, रजत व कांस्य पदक विजेताओं के लिए दी जाती है। इसके लिए 18 आवेदन आए थे, जिनमें केवल मान्यता प्राप्त संघों के प्रमाण-पत्र 7 पाए गए थे, लेकिन 2 की उम्र 19 साल से अधिक होने से वह बाहर हो गए थे, इसलिए केवल 5 खिलाडिय़ों को ही दमोह में खेल व युवा कल्याण विभाग से मिलने वाली खेल वृत्ति का लाभ मिला है।
आशीष पांडेय, खेल अधिकारी, दमोह