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दमोह

संगठन की मान्यता न होने से छात्रवृत्ति से वंचित हो गए १२ खिलाड़ी

18 होनहार खिलाडिय़ों ने दिए थे आवेदन

दमोहOct 15, 2019 / 01:58 am

नितिन सदाफल

12 players deprived of scholarship due to lack of recognition from the organization

12 players deprived of scholarship due to lack of recognition from the organization

दमोह. खेल व युवा कल्याण विभाग द्वारा खेल छात्रवृत्ति के लिए 18 खिलाडिय़ों ने आवेदन किए थे, जिसमें 5 खिलाडिय़ों के लिए ही छात्रवृत्ति का लाभ मिल पाया है। आवेदन करने वाले सभी खिलाड़ी राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में स्वर्ण, रजत व कांस्य पदक विजेता थे।
दरअसल, खेल व युवा कल्याण विभाग जिला, राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर मान्य संगठन से खेलने वाले खिलाडिय़ों को ही छात्रवृत्ति देता है। जबकि जो छात्रवृत्ति से वंचित रह गए हैं, उनके खेल संघों को मान्यता नहीं थी।
जिन प्रतिभाओं के आवेदन निरस्त हुए उससे यह पता चला कि पिछले पांच साल से बच्चे तो खेल में रुचि दिखाने लगे हैं। जिसमें वह सामूहिक व एकल स्पर्धाओं में भाग ले रहे हैं। जिसमें कबड्डी, वॉलीबाल, फुटबाल, बैडमिंटन, कराते, खो-खो सहित अन्य खेल शामिल हैं। एकल खेल में कराते में भी बच्चों की रुचि बढ़ी है, सर्वाधिक बच्चे इसकी ओर आकर्षित हो रहे हैं।
जिससे बच्चे जिला स्तर से खेलते हुए राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में स्वर्ण, रजत व कांस्य पदक जीत रहे हैं। जो बच्चे मान्यता प्राप्त खेल संघों से खेल रहे हैं, उन्हें स्कालरशिप सहित आगे नौकरियों में भी अवसर है, लेकिन जो बच्चे अमान्य खेल संघों से खेल रहे हैं, उनके मेडल व प्रमाण-पत्रों की कोई वेल्यू नहीं है। यह सच छात्रवृत्ति वितरण के दौरान सामने आया है।

नाम का फर्जी इस्तेमाल
शिखा जैन बताती हैं कि फर्जी प्रतियोगिता के आयोजक खिलाडिय़ों और अभिभावकों से कमाई करते हैं। आयोजक मध्यप्रदेश कराते एसोसिएशन और कराते एसोसिएशन ऑफ इंडिया के नाम और मोनो, पदाधिकारी की फोटो का बिना अनुमति उपयोग कर भविष्य की पीढ़ी के खिलाडिय़ों का मनोबल गिराते हैं। जब इन खिलाडिय़ों को वास्तविकता का पता चलता है, तो बहुत देर हो जाती है। हालांकि इस गंभीर विषय पर अब खेल संघों में बहस में छिड़ द्यगई है।
पिछले दिनों इंदौर बैठक में प्रदेश अध्यक्ष चंदुराव शिंदे द्वारा भी ऐसे फर्जीवाड़े की रोकथाम पर जिला स्तर पर जागरुकता अभियान चलाने के लिए निर्देश दिए हैं।

खेलवृत्ति राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में स्वर्ण, रजत व कांस्य पदक विजेताओं के लिए दी जाती है। इसके लिए 18 आवेदन आए थे, जिनमें केवल मान्यता प्राप्त संघों के प्रमाण-पत्र 7 पाए गए थे, लेकिन 2 की उम्र 19 साल से अधिक होने से वह बाहर हो गए थे, इसलिए केवल 5 खिलाडिय़ों को ही दमोह में खेल व युवा कल्याण विभाग से मिलने वाली खेल वृत्ति का लाभ मिला है।
आशीष पांडेय, खेल अधिकारी, दमोह

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