scriptपहले सिर से उठा माता-पिता का साया अब कुदरत के कहर ने छीन लिया आशियाना | After death of parents Natures havoc took away the home to child | Patrika News
दमोह

पहले सिर से उठा माता-पिता का साया अब कुदरत के कहर ने छीन लिया आशियाना

दमोह में लगातार हो रही बारिश की वजह से उनका घर टूट गया है। जिससे अब बच्चे पूरी तरह बे-घर हो गए हैं। इस दुखद मामले के सामने आने के बाद भी प्रशासन की तरफ से कोई मदद नहीं की गई है

दमोहAug 22, 2019 / 07:34 pm

Samved Jain

After death of parents Natures havoc took away the home to child
दमोह. दमोह जिले में एक रुदन कर देने वाला मामला सामने आया है। जहां पहले एक परिवार के बच्चों के माता-पिता का निधन होता है। बच्चों पर ही खुद के जीवन चलाने की जिम्मेदारी आ जाती है और अब कुदरत के कहर ने बच्चों के सिर से आशियाना भी छीन लिया जाता है। दमोह में लगातार हो रही बारिश की वजह से उनका घर टूट गया है। जिससे अब बच्चे पूरी तरह बे-घर हो गए हैं। इस दुखद मामले के सामने आने के बाद भी प्रशासन की तरफ से कोई मदद नहीं की गई है।
कुम्हारी. पटेरा तहसील के ग्राम पटेरिया में आदिवासी परिवार के सगे भाई बहन को अपनी जिंदगी गुजारने में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। जिसके चलते ग्राम में गरीब आदिवासी परिवार से ताल्लुक रखने वाली साक्षी 14 वर्ष व मोहित 10 वर्ष दोनों सगे भाई बहन का दर्द देख हर किसी की आंखें छलक उठती हैं। 7 वर्ष पूर्व इन दोनों बच्चों के पिता स्वर्गीय लच्छू आदिवासी का बीमारी के चलते निधन हो गया था। जिस पर परिवार के भरण पोषण का जिम्मा इनकी मां माया रानी आदिवासी के कंधों पर आ गया था।
यह बच्चे अपने पिता की कमी को भूल ही नहीं पाए कि पिछले वर्ष 2018 में इनकी मां के आंचल की छाया भी इनसे सदा सदा के लिए छिन गई। माता-पिता दोनों के निधन के बाद यह दोनों भाई बहन अपने कच्चे घर में ही अकेले रहकर पढ़ाई व जीवन निर्वाह कर ही रहे थे की अचानक कुदरत की एक और मार इनके सामने आ पड़ी और मंगलवार को लगातार बारिश होने से इनके रहने वाले घर के पीछे की दीवार गिर गई। दीवार गिरते ही दोनों भाई बहन घर के बाहर आ गए और देखते ही देखते इनके घर का छप्पर पूरी तरह धराशायी हो गया।
माता पिता के साये के बाद इनका आशियाना भी चला गया जो इनके जीवन की दर्द भरी जीवन गाथा को बयां करता है। घर गिरने से अभी फिलहाल पड़ोसी गेंदालाल राय ने अपना एक खाली कमरा उनको रहने के लिए दे दिया है व पड़ोसी द्वारा ही उनके भोजन आदि की व्यवस्था कराई जा रही है। इस संबंध में पटेरिया सरपंच पुत्र हल्ले आदिवासी का कहना है ग्राम पंचायत से जो भी सुविधा मुहैया हो सकेगी इन्हें करवाई जाएगी। वहीं जब इस संबंध में पटेरा कुम्हारी मंडल के नायब तहसीलदार विजय अहिरवार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि बारिश से गिरे हुए घर का मुआयना कर पीडि़तों को हर संभव मदद की जाएगी।
वर्जन

जो इन बच्चों के साथ बीता यह बहुत ही दुखद है। बच्चों की हर तरह से सहायता की जाएगी। मैं तत्काल ही सीइओ पटेरा को मौके पर भेजूंगा और हर संभव मदद इन बच्चों के लिए की जाएगी।
तरुण राठी, कलेक्टर
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