अवैध कॉलोनियों में मकान बनवाना बारिश में बना दुखदायी
कॉलोनी की गलियों में लगातार जल भराव
Building houses in illegal colonies became painful in the rain
दमोह. दमोह शहर में कृषि भूमि पर अवैधानिक कॉलोनियों का विस्तार होने के बाद लोगों की मुसीबत बारिश के दिनों में बढ़ जाती है। शहर की ऐसी कॉलोनियों में पानी की निकासी न होने परेशानी बढ़ गई है।
शहर में 15 से अधिक कृषि भूमि पर अवैध कॉलोनियों का विस्तार हुआ है। लोगों ने प्लाट लेकर स्वयं मकान बनाए हैं। इन कॉलोनियों की मुख्य समस्या पानी की निकासी का समुचित इंतजाम नहीं किया जाता है। जिससे बारिश होने के बाद जल भराव की स्थिति बन जाती और कई दिनों तक गलियों व 4 माह तक खाली प्लाटों में पानी बना रहता है।
हटा नाका क्षेत्र के मांगज वार्ड में बनी कॉलोनियों में इस तरह की स्थिति ज्यादा देखी जा रही है। सबसे ज्यादा परेशानी संत आसाराम बापू कॉलोनी क्षेत्र में आ रही है। इस कॉलोनी के पीछे धुवा तालाब स्थित है। सामने से ऊंची सड़क निकली हुई है। कॉलोनाइजर द्वारा प्लाट काटे गए, लेकिन पानी की निकासी के लिए बड़ी नाली नहीं खोदी गई। इसके अलावा इस कॉलोनी का पानी मुख्य नाले में मिलाने के लिए भी इंतजाम नहीं किया गया। जिससे पूरी कॉलोनी की गलियों में पानी भर गया है। हालांकि यहां पर लोगों ने अपने आवास ऊंचाई से बनाए हैं, जिससे उनके घरों में पानी तो नहीं भर रहा है, लेकिन बाहर निकलने के दौरान पानी के बीच से निकलना पड़ रहा है।
4 माह सांप व मेढ़क का बसेरा
शहर में जिन कॉलोनियों के अंदर का पानी बाहर निकासी की व्यवस्था नहीं है, उन कॉलोनियों में 4 माह तक बारिश में पानी में निकलने वाले सांप व मेढ़कों का बसेरा रहता है। जो लोगों के घरों में घुसते हैं। यह समस्या विवेकानंद नगर कॉलोनी में भी पाई जाती है, जहां भी कई जगह पानी निकासी की व्यवस्था नहीं की गई है।
मच्छरों से फैलती हैं बीमारियां
बारिश के दिनों में मच्छरों से पनपने वाली बीमारियों के सर्वाधिक मरीज इन्हीं क्षेत्रों से निकलते हैं। जिनमें बच्चों की संख्या ज्यादा होती है। मलेरिया, डेंगू सहित अन्य मौसमी बीमारियां यहां होती हैं। गंदा पानी लगातार जमा होने के कारण बोरवेल के माध्यम से पेयजल में चला जाता है, जिससे दूषित पानी के उपयोग के कारण भी समस्याएं सामने आती रहती हैं।
एक सी छोटी नाली बनाते
अवैध कॉलोनियों में केवल प्लाट दिया जाता है, नाली व सड़क बनाकर नहीं दी जाती है। लोग आवास बनाते जाते हैं और छोटी सी नाली अपने घर का पानी निकालने के लिए बना देते हैं। जबकि सभी घरों का पानी एक साथ बड़ी नाली में निकल सके इसकी व्यवस्था कॉलोनाइजर को करना चाहिए, लेकिन प्लाट का डेवलमेंट न करते हुए केवल प्लाट काटकर दिया जाता है, जिससे लोग घर तो बड़ा बना लेते हैं, लेकिन अपने घर के सामने नाली छोटी बनाते हैं, जिससे समस्या बढ़ती जाती है और सभी आवास बनने के बाद इन कॉलोनियों में जलभराव की स्थिति बनती है।
नगर पालिका के जिम्मे विकास
कॉलोनाइजर ने शहर के वार्ड में कृषि भूमि पर प्लाट बेच दिए। अब यहां की बुनियादी सुविधाओं की जिम्मेदारी नगर पालिका परिषद के जिम्मे आन पड़ी है। जिससे अब समस्या बन रही है तो नगर पालिका ने रविवार को अर्थमूवर के माध्यम से बड़ी नाली खोदकर पानी निकासी की व्यवस्था की है, जिससे सड़कों में भरा पानी निकलने लगा है, लेकिन खाली प्लाटों में भरा पानी 4 माह तक भरा रहेगा।
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