क्या है 127(ए) का उल्लंघन
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम संबंधी प्रमुख कानूनी प्रावधान की धारा 127 (ए) कोई भी व्यक्ति किसी निर्वाचन पुस्तिका, पोस्टर को मुखपृष्ठ पर मुद्रक व प्रकाशक के नाम के बिना प्रकाशित नहीं करेगा और न ही करवायेगा। इस धारा का अपराध 6 माह तक के कारावास तथा 2000 रूपये या दोनो के जुर्माने से दण्डनीय है।
सांसद ने जांच के दौरा क्या कहा
पुलिस ने जिस जांच प्रतिवेदन पर सांसद प्रहलाद पटैल के विरुद्ध 127ए के तहत प्रकरण दर्ज किया है। उसमें सांसद ने एफएसटी प्रभारी को बताया यह पुस्तक अगस्त 2018में प्रभात प्रकाशन नईदिल्ली द्वारा प्रकाशित किया गया था। जिसकी 2000 प्रतियां प्रकाशित की गईं थी, जिसे प्रधानमंत्री कार्यालय में प्रेषित किया गया था। उन्होंने 24 मार्च को आयोजित पत्रकार वार्ता में भी इस पुस्तक का वितरण करने की बात कही है। सांसद के इस बयान के बाद ही जिला निर्वाचन टीम अंतिम निर्णय पर पहुंची और सांसद प्रहलाद पटैल द्वारा प्रकाशित पुस्तक में प्रकाशक, मुद्रक का नाम, संख्या और संपादित करने वाले व्यक्ति का न होने और आचार संहिता के दौरान इसका वितरण करना पाया गया था। जो लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 127ए का उल्लंघन है।
अब पुलिस करेगी आगे की जांच
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम का उल्लंघन मानते हुए सीजेएम की अनुमति पर सांसद के विरुद्ध प्रकरण दर्ज हो चुका है। अब मामले में पुलिस विभिन्न बिंदुओं पर जांच करेगी। जिसमें पुस्तक का प्रकाशन कहां से किया गया, प्रकाशन के समय प्रकाशन के नियमों का पालन क्यों नहीं किया गया, प्रकाशन का उद्देश्य, बिना मुद्रक के नाम, पता, संख्या डाले प्रिंटिंग प्रेस द्वारा पुस्तक का प्रकाशन क्यों और कैसे किया गया, कोई राजनैतिक कारण जैसे बिषयों पर अब पुलिस जांच करेगी। जांच के अलग-अलग प्रतिवेदन पर प्रकरण तैयार होंगे।
ऐसे सामने आया पूरा मामला
भाजपा प्रत्याशी घोषित होने के दूसरे दिन २४ मार्च रविवार को सांसद प्रहलाद पटैल ने दमोह स्थित निवास पर एक पत्रकार वार्ता आयोजन किया था। जिसमें पत्रकारों को प्रधानमंत्री और स्वयं की फोटो कवर वाली एक पुस्तक वितरित की थी। प्रतिवेदन दमोह लोक सभा क्षेत्र नाम की इस पुस्तक में मुद्रक का नाम, पता, संख्या आदि का प्रकाशन नहीं था। 10 मार्च 2019 से प्रभावी आचार संहिता के समय वितरित की गई इस पुस्तक का प्रकरण पत्रिका ने उठाया था। जिसका बड़ा असर हुआ है। आगे भी मामले में सांसद की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।